टैक्स को लेकर रिलायंस को ‘सुप्रीम’ राहत, आयकर विभाग की याचिका ख़ारिज

सुप्रीम कोर्ट नेनई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आयकर विभाग द्वारा रिलायंस कम्युनिकेशन्स (आरकॉम ) के खिलाफ दायर विशेष सुनवाई याचिका खारिज कर दी। विभाग ने विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड्स (एफसीसीबी) से हुए लाभ पर कर लगाने के लिए यह याचिका दायर की थी।

कंपनी की ओर से यहां मंगलवार को जारी बयान में यह बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि अदालत ने इसे अस्पष्ट नकदी ऋण कहा है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला सोमवार को आया।

न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और रोहिंगटन फली नरीमन की पीठ ने आयकर विभाग की विशेष सुनवाई याचिका रद्द कर दी। यह याचिका एफसीसीबी से हुई आय, ब्याज और इससे जुड़े नफा या नुकसान से जुड़ी थी।

वित्त वर्ष 2006-07 के दौरान रिलायंस कम्युनिकेशन ने भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देश और कानून के तहत 6,485 करोड़ रुपये का एफसीसीबी जारी किया था। आयकर विभाग ने इसे अस्पष्ट नकदी ऋण मानकर इस पर टैक्स भुगतान करने को कहा था।

बयान में कहा गया है, “सर्वोच्च न्यायालय के आरकॉम के करीब 4800 करोड़ रुपये कर भुगतान की जवाबदेही रद्द कर दी है।”

इससे पहले की अपीली न्यायाधिकरण और बंबई उच्च न्यायालय ने भी आयकर विभाग के आदेश के खिलाफ आरकॉम की अपील को सही माना था।

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