सिनेमा को बढ़ावा देने के लिए बनेगा फिल्म प्रोत्साहन कोष

सिनेमा को बढ़ावा नई दिल्ली| सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में भारतीय सिनेमा को बढ़ावा देने के लिए एक फिल्म प्रोत्साहन कोष बनाने की नई पहल की है। इस पहल से स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं को दुनिया भर में उनके कार्य को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। फिल्म प्रोत्साहन कोष अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के किसी भी प्रतियोगिता खंड में चुनी जाने वाली और प्रचार गतिविधियों हेतु विदेशी फिल्म श्रेणी के अंतर्गत अकादमी पुरस्कार के लिए भारत के आधिकारिक नामांकन में चयन होने वाली फिल्मों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।

फिल्म समारोह निदेशालय को सरकार द्वारा गठित एक विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों के आधार पर इस पहल को कार्यान्वित करने हेतु एक नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है।

आईएफएफआई के 47वें संस्करण में सुगम्य भारत अभियान के अंतर्गत विशेष श्रव्य वर्णित तकनीक के साथ दिव्यांग बच्चों के लिए तीन फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसका प्रदर्शन यूनेस्को और सक्षम के सहयोग से किया जाएगा।

सरकार के स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होकर, आईएफएफआई 2016 में स्वच्छ भारत विषय पर आधारित पुरस्कार जीतने वाली 20 लघु फिल्मों के एक विशेष पैकेज का भी प्रदर्शन किया जाएगा। इन 20 फिल्मों को 4346 प्रविष्टियों में से चुना गया है और नई दिल्ली में दो अक्टूबर को राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम द्वारा आयोजित ‘स्वच्छ भारत फिल्म महोत्सव’ में सम्मानित किया गया।

एक और पहल के अंतर्गत, एक निदेशक के तौर पर सर्वश्रेष्ठ पहले फीचर के लिए शताब्दी पुरस्कार है। आईएफएफआई इस नई प्रतियोगिता खंड के अंतर्गत युवा प्रतिभा को मान्यता देंगे। इस खंड में दुनिया भर के सिनेमा से 2016 की निर्देशकों की पहली शानदार फिल्मों का प्रदर्शन होगा। विजेता को एक रजत मयूर और दस लाख रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

2016 में फिल्म, टेलीविजन और श्रव्य/दृश्य संचार अंतर्राष्ट्रीय परिषद (आईसीएफटी), पेरिस और यूनेस्को भी एक ऐसी फिल्म को ‘आईसीएफटी- यूनेस्को गांधी पदक’ प्रदान करेगा जो शांति, सहिष्णुता और अहिंसा के आदर्शो को दर्शाती है।

आईएफएफआई 2016 में बारको इलेक्ट्रॉनिक्स के माध्यम से एक नए लेजर आधारित फोस्फर व्हील प्रोजेक्टर को प्रस्तुत किया जाएगा, जिसका उपयोग दुनिया भर में किसी भी फिल्म महोत्सव में पहली बार किया जा रहा है।

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