सहकारी बैंकों में पुराने नोट जमा न होने पर हाईकोर्ट ने थमाया केंद्र को नोटिस

सहकारी बैंकों में पुराने नोटनैनीताल| केवल जिला सहकारी बैंकों में पुराने नोट जमा नहीं करने के केंद्र सरकार के आदेश को नैनीताल स्थित उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और मंगलवार तक इस पर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया।

उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के. एम. जोसफ की अध्यक्षता वाली पीठ ने नैनीताल जिले के हल्द्वानी निवासी अधिवक्ता नीरज तिवारी द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए।

सहकारी बैंकों में पुराने नोट न लेने पर नोटिस

याचिकाकर्ता नीरज तिवारी ने बताया कि न्यायालय ने कहा है कि सहकारी बैंकों में 500 और 1000 के नोट जमा और निकासी नहीं होने से कृषकों को सर्वाधिक नुकसान हो रहा है। न्यायालय ने केंद्र से कहा कि सहकारी बैंकों में लागू इस नियम से फसलों की बुआई प्रभावित हो गई है और कृषक ऋण नहीं ले पा रहे हैं।

जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा कि केंद्र के इस फैसले से कृषकों के समक्ष आजीविका का संकट खड़ा हो गया है और भविष्य की चिंताएं बढ़ गई हैं।

याचिका में न्यायालय से आग्रह किया गया है कि केंद्र का यह आदेश तत्काल वापस लेने का आदेश दिया जाना कृषक हित में है।

8 नवम्बर के देश में 500 और 1000 के नोट के अमान्य होने के केंद्र के आदेश के बाद से सहकारी बैंकों में यह नोट न तो जमा हो पा रहे हैं और न ही बदले गए हैं। केंद्र के इस फैसले के विरुद्ध देशभर के सहकारी बैंककर्मीे एक दिन हड़ताल पर भी रहे।

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