संसद में उबाल, पीएम के ‘काले’ बोल पर बवाल
नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए बाधित रही। विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान पर माफी की मांग कर रहा है, जिसमें उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां काले धन का समर्थन करती हैं। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई विपक्षी सदस्यों ने मोदी के माफीनामे की मांग की।
सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि गुरुवार को वादा किया गया था कि मोदी नोटबंदी पर चर्चा के समय सदन में मौजूद रहेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इसके बावजदू उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार के नोटबंदी के फैसले से खुश नहीं है क्योंकि उन्हें नोटबंदी से पहले तैयारी करने का समय नहीं दिया गया।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती, समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल और अन्य विपक्षी नेताओं ने मोदी के बयान पर आपत्ति जाहिर की।
जनता दल युनाइटेड के नेता शरद यादव ने कहा कि मोदी की टिप्पणी विपक्षी पार्टियों पर लगाया गया गंभीर आरोप है। प्रधानमंत्री को सदन में आना चाहिए और अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए। इसके बाद सदन की कार्यवाही 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा की भी कार्यवाही बाधित
संसद के निचले सदन लोकसभा में शुक्रवार को विपक्ष ने एक बार फिर नोटबंदी के खिलाफ मोर्चा खोला। सदन में इस मुद्दे पर भारी शोर-शराबे व नारेबाजी के कारण कार्यवाही बाधित हुई। विपक्षी सदस्य स्थगन प्रस्ताव के तहत इस पर चर्चा की मांग कर रहे थे। लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने संविधान दिवस (26 नवम्बर) और मुम्बई में इसी तारीख को साल 2008 में हुए आतंकवादी हमलों का जिक्र किया।
महाजन ने इसके बाद प्रश्नकाल शुरू करना चाहा। लेकिन विपक्षी दलों के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी और भारी शोर-शराबा करने लगे। इस अव्यवस्था के बीच महाजन ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।