नोटबंदी पर हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही स्थगित

नई दिल्ली।  विपक्ष ने मंगलवार को नोटबंदी के मुद्दे पर लोकसभा में भारी हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई और अंतत: सदन को दिनभर के लिए स्थगित करना पड़ा। विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तानाशाह की तरह बर्ताव करने और आम जनता को मुश्किलों में धकेलने का आरोप लगाया।

लोकसभा में भारीविपक्ष ने एकजुट होकर नोटबंदी के मुद्दे पर उस नियम के तहत बहस की मांग की, जिसके तहत वोटिंग का प्रावधान है।
कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने चर्चा शुरू करने की मांग की, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसकी इजाजत नहीं दी।

नाराज लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि सदन की कार्यवाही बाधित करना उचित नहीं है। महाजन ने विपक्षी नेताओं से अपनी सीटों पर बैठने और प्रश्नकाल की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद से संबंधित प्रश्न का जवाब देने के लिए जैसे ही उठे, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सदस्य लोकसभा अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंच गए और स्थगन प्रस्ताव की मांग करने लगे।

महाजन ने कहा, “मंत्री को परेशान न करें। आप मंत्री को परेशान नहीं कर सकते। आम जनता से संबंधित मुद्दा उठाने का यह सही तरीका नहीं है।”

लेकिन, विपक्ष उनके आग्रह को नजरअंदाज कर ‘मोदी सरकार होश में आओ’, ‘मोदी तेरी तानाशाही, नहीं चलेगी, नहीं चलेगी’ जैसी नारेबाजी करता रहा।

भारी हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी और कहा, “जब निर्वाचित प्रतिनिधि ऐसा व्यवहार करते हैं तो दुख होता है।”

दोपहर 12 बजे जब फिर से सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समेत विपक्षी पार्टियों के सदस्य नारेबाजी करते हुए लोकसभा अध्यक्ष के आसन की ओर बढ़े।

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि देश की जनता आठ नवंबर के नोटबंदी के फैसले के साथ है।

कुमार ने कहा, “जाइए और बाहर देखिए। जनता नोटबंदी के फैसले पर सरकार के साथ है। हम मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। जब भी और जैसे भी अध्यक्ष आदेश देंगी, हम चर्चा के लिए तैयार हैं।” खड़गे ने इसे खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष भी बहस के लिए तैयार है।

खड़गे ने कहा, “हम चर्चा चाहते हैं क्योंकि गरीब, किसान और मजदूर मर रहे हैं। शादियां टूट रही हैं। जिंदगियां खराब हो रही हैं।”

तृणमूल नेता सुदीप बंधोपाध्याय ने अध्यक्ष से उस नियम के तहत चर्चा की इजाजत देने का आग्रह किया, जिसके तहत वोटिंग का प्रावधान है।

उन्होंने कहा, “वोटिंग के प्रावधान के तहत चर्चा कराने में क्या बुराई है? सरकार इससे बच क्यों रही है? सदन नहीं चल रहा, तो इसके लिए सत्तारूढ़ पार्टी भी जिम्मेदार है।”

कुमार ने इस पर कहा, “हमने शहडोल और लखीमपुर लोकसभा सीटें जीती हैं। इससे क्या संकेत मिलता है? जनता का मत स्पष्ट है। वे कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं।” सदन में जारी भारी हंगामे को देखते हुए अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

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