जमीन भी छिनी और दस साल से नहीं मिला एक ‘दाना’, मांगी इच्छामृत्यु
उन्नाव। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1000 के नोट बंद करने के ऐलान के बाद से ही पूरे देश के किसान काफी परेशान हैं। फिलहाल किसानों की परेशानियों को देखते हुए मोदी सरकार ने किसानों को थोड़ी राहत जरूर दी है। लेकिन इन सबके बावजूद मौजूदा समय में गरीब और लाचार किसान किसी न किसी तरह से प्रताड़ित होता दिखाई दे रहा है। इसी कहानी को बयान करता हुआ एक मामला सामने आया है। इसमें उन्नाव के किसानों ने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग की है।
राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग
जी हाँ, बता दें कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में करीब 150 किसानों ने एक जुट होकर राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में यहाँ के किसानों ने इच्छामृत्यु की मंशा जाहिर की है।
ख़बरों के मुताबिक़ ये किसान मुख्य रूप से अपनी जमीनों के कागजात के गायब किए जाने से काफी परेशान हैं। किसानों ने आरोप लगाया है कि चकबंदी के दौरान अधिकारियों ने उनके कागजात गायब किए हैं। इतना ही नहीं, इनका यह भी कहना है कि इन्हें 10 सालों से खाद-बीज और सरकारी राहत भी नहीं मिली है।
इसी वजह से यह सभी किसान काफी परेशान हैं। काफी कोशिशों के बाद जब इनकी किसी भी तरह की सुनवाई नहीं हुई तो हसनगंज तहसील के ऐतबारपुर के इन किसानों ने राष्ट्रपति को पत्र लिख अपना दिल-ए-हाल बयान किया।