मोदी सरकार कठघरे में, सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल न नियुक्त करने पर लगाई फटकार
नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर के नेतृत्व वाली पीठ ने लोकपाल विधेयक पर मोदी सरकार को घेरा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लंबे सामाजिक संघर्ष के बाद यह आया है, इसलिए मौजूदा सरकार चाहे या न चाहे इसे काम करना चाहिए।
यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने नरेंद्र मोदी सरकार की मंशा पर उठाते हुए पूछा कि सरकार बताए, लोकपाल कब तक काम करने लगेगा। यह बात सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान बुधवार (23 नवंबर) को केंद्र सरकार से पूछा।
कोर्ट के अनुसार, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना है तो सार्वजनिक जीवन में शुचिता बहाल करनी चाहिए। दो साल से भ्रष्टाचार पर निगरानी रखने वाले लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं हो रही है। भारत की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि वो लोकपाल को ‘बेजान शब्द’ या ‘बेकाम की चीज’ बनकर नहीं रह जाने देगी।
भारत के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने कहा कि लोकपाल विधेयक लंबे सामाजिक संघर्ष के बाद आया था और मौजूदा सरकार चाहे या न चाहे इसे काम करना चाहिए। खंडपीठ ने भारत के एटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी से लोकपाल नियुक्त किए जाने के लिए एक निश्चित समय सीमा तय बताने के लिए कहा है।
अदालत ने रोहतगी से कहा, “क्या सरकार इसे आपद स्थिति नहीं समझती कि 2014 में लोकपाल विधेयक पारित होने के बावजूद आज तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं हुई है? अगर आप कहते हैं कि सरकार व्यवस्था की सफाई को लेकर बहुत चिंतित है तो फिर पिछले दो साल से आप इस पर अमल क्यों नहीं कर पा रहे हैं? हम लोकपाल जैसी संस्था को बेकार नहीं पड़े रहने देंगे।”