बड़ी उपलब्धि : सर्न का एसोसिएट सदस्य बना भारत

भारत के नामजिनेवा। भारत के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। अब भारत यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन यानी सर्न का एसोसिएट सदस्य बन गया है। इसको लेकर भारत सरकार की तरफ से परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव और परमाणु ऊर्जा आयोग के चेयरमैन शेखर बसु तथा सर्न की डायरेक्टर जनरल फेबिओला जाइनोटी के बीच समझौते पर हस्ताक्षर भी हो चुके हैं। भारत को अब सिर्फ सर्न द्वारा नोटिफाई करने की अंतिम औपचारिकता का इंतजार है।

बसु ने कहा कि भारत द्वारा वैज्ञानिक, औद्योगिक व सामाजिक उपयोग के लिए इलेक्ट्रॉन व प्रोटॉन उत्प्रेरकों के प्रकार विकसित कर चुका है। अब सर्न के विभिन्न प्रोजेक्टों में देश अपने युवा वैज्ञानिकों व इंजीनियरों को भागीदार बना सकेगा।

यही नहीं, बल्कि भारतीय उद्योगों को भी अब सीधे सर्न प्रोजेक्टों में भागीदारी का मौका मिल सकेगा। भारत के नाम इस बड़ी उपलब्धि की बात करते हुए सर्न की डायरेक्टर जनरल फेबिओला जाइनोटी ने भी कहा कि भारत पिछले 50 वर्षों से सर्न की वैज्ञानिक गतिविधियों में भाग लेता रहा है, लेकिन अब वह हमारा नया एसोसिएट सदस्य बन चुका है जिससे हमें काफी उम्मीद है।

सर्न की उपलब्धि

स्विट्जरलैंड की सर्न प्रयोगशाला के लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर में अब तक का सबसे बड़ा वैज्ञानिक प्रयोग हुआ है। यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन ने 10 साल की कड़ी मेहनत के बाद इस कोलाइडर को तैयार किया जिसका मकसद विज्ञान के अनसुलझे रहस्यों से पर्दा हटाना है। इसकी मदद से वैज्ञानिक ‘गॉड पार्टिकल’ खोजना चाहते थे।

वैज्ञानिकों का मानना है कि हमारा ब्रह्माण्ड ‘बिग बैंग’ के बाद इन्हीं कणों से बना है।

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