बैडमिंटन : हांगकांग ओपन फाइनल में हारे सिंधु, समीर

बैडमिंटनकोवलून| भारत की अग्रणी महिला बैडमिंटन स्टार पी. वी. सिंधु और पुरुष खिलाड़ी समीर वर्मा रविवार को यहां जारी योनेक्स सनराइज हांगकांग ओपन सुपरसीरीज में अपने-अपने फाइनल मुकाबले में हार गए। रियो ओलम्पिक में रजत पदक जीतने वाली सिंधु को हांगकांग कोलोजियम-1 में हुए महिला एकल वर्ग के खिताबी मुकाबले में चीनी ताइपे की ताए जू यिंग ने 21-15, 21-17 से हराया।

सिंधु को 41 मिनट तक चले मुकाबले में हराने वाली ताए ने सेमीफाइनल में विश्व की सर्वोच्च वरीयता प्राप्त खिलाड़ी स्पेन की केरोलिना मारिन को हराया था।

सिंधु और ताए के बीच यह अब तक का आठवां मुकाबला था। इससे पहले चार मैचों में ताए विजयी रहीं थीं जबकि तीन में सिंधु ने बाजी मारी थी। रियो में भी दोनों खिलाड़ी आमने-सामने हुईं थीं, जिसमें सिंधु ने जीत हासिल की थी।

सिंधु का यह तीसरा सुपर सीरीज फाइनल था। इससे पहले 2015 में डेनमार्क ओपन के फाइनल में सिंधु को हार मिली थी जबकि बीते सप्ताह ही सिंधु ने चीन ओपन का खिताब जीता था।

हार के बावजूद सिंधु ने अपने प्रदर्शन पर खुशी व्यक्त की और कहा कि यह दिन उनका नहीं था।

मैच के बाद सिंधु ने कहा, “कुल मिलाकर यह एक अच्छा मैच था। आज का दिन उनका (यिंग) था। मैंने अच्छा खेला, लेकिन नेट पर यिंग का खेल कहीं बेहतर था। उन्होंने एक भी गलती नहीं की। हमारे बीच अच्छी और लंबी रैलियां हुईं। मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं।”

ओलम्पिक रजत पदक विजेता सिंधु ने कहा, “यहां से वापस जाकर मैं और कठिन मेहनत करूंगी। थोड़ा निराश हूं, लेकिन कुल मिलाकर सब अच्छा रहा। मैं यिंग को जीत की बधाई देती हूं।”

इसके बाद पुरुष एकल वर्ग के फाइनल में समीर को भी हार मिली। समीर को हांगकांग के नग का लोंग अंगुस ने 21-14, 10-21, 21-11 से हराया। यह मैच 50 मिनट चला।

समीर ने शनिवार को सेमीफाइनल मैच में तीसरे वरीय डेनमार्क के जान ओ जोर्गेनसेन को 21-19, 24-22 से हराया था लेकिन वह अंगुस की चुनौती का सामना नहीं कर सके।

समीर और अंगुस के बीच इससे पहले दो मुकाबले हुए थे और दोनों ही बार समीर की जीत हुई थी।

फाइनल मैच के बाद समीर ने कहा कि यहां पहली बार फाइनल में खेलकर उनका आत्मविश्वास बढ़ा है और अब उनका अगला लक्ष्य विश्व रैंकिंग में शीर्ष-10 में शामिल होना है।

43वीं विश्व वरीयता प्राप्त समीर ने कहा, “मैं फाइनल में पहुंचकर बहुत खुश हूं। मैंने इसकी उम्मीद तक नहीं की थी। मैच के दौरान दूसरे गेम में मैं बाजी पलटने के लिए तैयार था। तीसरे गेम में 11 अंकों का खेल होने के बाद मैं थोड़ा थक गया था। फाइनल से पहले मैं थोड़ा घबराया हुआ भी था।”

समीर ने कहा, “आज (रविवार) मैं थोड़ा दबाव महसूस कर रहा था। लेकिन अब शीर्ष-10 में पहुंचने को लेकर मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है।”

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