अलविदा फिदेल कास्त्रो : दुनिया करती थी इज्जत, अमेरिका की नाक में किया था दम

फिदेल कास्त्रोहवाना। क्यूबा के क्रांतिकारी नेता फिदेल कास्त्रो नहीं रहे। देश के सरकारी टीवी ने शनिवार को उनके निधन की घोषणा की। क्यूबा के राष्ट्रपति रह चुके कम्युनिस्ट क्रांतिकारी कास्त्रो 90 वर्ष के थे।

कास्त्रो ने क्यूबा में लगभग पांच दशक तक शासन किया और बाद में साल 2008 में सत्ता अपने भाई रॉल कास्त्रो को सौंप दी। दुनिया भर के नेता कास्त्रो की इज्जत करतेे थे।

फिदेल कास्त्रो क्यूबा की क्रांति के जरिए ही फुल्गेंकियो बतिस्ता की तानाशाही को उखाड़ फेंक सत्ता में आए थे। इसके बाद से ही फिदेल कास्त्रो अमेरिका के निशाने पर थे। फुल्गेंकियो बतिस्ता को अमेरिका समर्थित नेता माना जाता था।

शीतयुद्ध के दौरान सोवियत सेना को अमेरिका के खिलाफ अपनी सीमा में मिसाइल तैनात करने की मंजूरी देकर फिदेल कास्त्रो दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गए थे।
अगस्त में 90 साल पूरे करने वाले फिदेल कास्त्रो बीते 10 साल से स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से सत्ता से दूर थे। कास्त्रो क्यूबा क्रांति के प्रमुख नेता माने जाते हैं। वे 1959 से दिसंबर 1976 तक क्यूबा के प्रधानमंत्री रहे थे। इसके बाद क्यूबा के राष्ट्रपति बने।

हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के ऐतिहासिक क्यूबा दौरे के बाद पूर्व राष्ट्रपति कास्त्रो ने यह कहकर अपने तेवर दिखा दिए थे कि क्यूबा को ‘साम्राज्य’ से किसी तोहफे की जरूरत नहीं है।
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