हनुमान के इस मंदिर में 11 मंगलवार चढ़ाएंगे चोला तो पूरी होगी मुराद

पंचमुखी हनुमानपवन पुत्र हनुमान के दुनिया में हजारों की संख्या में मंदिर हैं लेकिन कुछ स्थान ऐसे हैं, जिनका सम्बन्ध सीधे हनुमान जी से रहा है | ऐसा ही एक मंदिर देवभूमि हरिद्वार में है । हरिद्वार में  पवित्र ब्रह्मकुंड से कुछ दूरी पर बिल्ब पर्वत की तलहटी में यह प्राचीन पंचमुखी हनुमान मंदिर स्थित है और इसी स्थान पर विराजमान हैं एक पिंडी के रूप में भगवान संकटमोचन हनुमान।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जिस समय हनुमान जी बाल रूप में थे, तो उस समय उन्हें भूख लगी और उन्होंने सूर्य को फल समझकर निगल लिया | सूर्य को जब हनुमान जी ने निगल लिया तो चारों तरफ हाहाकार मच गया और तीनों लोकों में अंधेरा छा गया। सूर्य को छुड़ाने के लिए इंद्रदेवता ने अपने वज्र से हनुमान पर वार किया, जिससे सूर्य तो हनुमान के मुंह से निकल गये, लेकिन बालक हनुमान वज्र के प्रहार को झेल नहीं सके और मूर्छित होकर पृथ्वी पर इसी बिल्ब पर्वत पर आकर गिरे । माना जाता है कि तभी से हनुमान जी यहां एक पिंडी के रूप में आज भी विद्मान हैं |

पंचमुखी हनुमान के चरणों में कमल और पाताल की देवी

ज्‍योतिषाचार्य पंडित सुरेश दुबे बताते हैं, इसी स्थान पर सालों पहले एक ब्राह्मण ने हनुमान जी की पाताल भैरवी की पंचमुखी रूप की मूर्ति स्थापित की थी | माना जाता है कि जिस समय अहिरावन राम-लक्षमण को अगवा कर पाताल में ले गया, तो दोनों भाइयों को छुड़ाने के लिए बजरंगबली ने भंवरे का रूप धारण किया और कमल में बैठ गये। इस कमल को जब पाताल की देवी पांचाली पर चढ़ाया गया, तो उन्होंने अपना स्थान छोड़ दिया, जिसके बाद हनुमान जी ने पाताल में अपना पंचमुखी रूप दिखाया और राम लक्ष्मण को वापस धरती पर लाये | हनुमान जी के इसी रूप की मूर्ति को यहाँ पर स्थापित किया गया है | इस पंचमुखी हनुमान के चरणों में पहले कमल है और उसी के नीचे पाताल की देवी पांचाली भी है |

कुम्भ नगरी हरिद्वार में सालों पहले ढाई कोस की परिक्रमा होती थी,जो माँ मनसा देवी मंदिर होते हुए सूरज कुंड से जब श्रद्धालु हर की पैड़ी के लिए जाता था, तो वह पंचमुखी हनुमान मंदिर के दर्शन करते हुए आया करता था, किन्‍तु समय के साथ परिवर्तन हुआ है और आज वो परिक्रमा ही नहीं होती है। इसी के कारण इस परिक्रमा का रास्ता भी लगभग बंद हो गया है, लेकिन इसके बाद भी पंचमुखी हनुमान मंदिर के प्रति लोगों की आस्था और श्रद्धा नहीं कम हुई।

मना जाता है कि इस पौराणिक मंदिर में जो भी भक्त 11 मंगलवार हनुमान जी  को चोले (सिंदूर और घी) चढाता है उसके मन की सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं और सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है | हनुमान मंदिर में हर समय भक्तो का ताँता लगा रहता है और भक्त लोग दूर दूर से चलकर पंचमुखी हनुमान मंदिर में हनुमान जी के पिंडी रूप की पूजा करने के लिए आते है |

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