पश्चिम बंगाल उपचुनाव के लिए मतदान जारी, लेकिन नोटबंदी बन रही रुकावट  

नोटबंदीकोलकाता। पश्चिम बंगाल में लोकसभा की दो और एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए शनिवार सुबह सात बजे से मतदान शुरू हो गए हैं। लेकिन नोटबंदी पर एक नया नियम बनाया गया कि जो भी नोट बदलने के लिए जाएंगे, उनकी उंगली पर स्‍याही का निशान लगाया जाता है। जिसके कारण चुनाव में दिक्‍कतें आ रही हैं। कारण यह है कि यह निशान इतनी आसानी ने नहीं छूटते। कूच बिहार (आरक्षित अनुसूचित जाति) और तमलुक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों और मोंटेश्वर विधानसभा सीट पर 23 उम्मीदवार आमने-सामने हैं। इस दौरान लगभग 3,524,977 लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे जिनमें 1,689,735 महिलाएं हैं।

कूच बिहार में अधिकतम 10 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इसके बाद तमलुक में सात और मोंटेश्वर में छह उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा। इन उपचुनाव के लिए राज्य में 4,121 मतदान केंद्रों में 500 से अधिक इलेक्टॉनिक वोटिंग मशीने लगी हैं।

इन तीनों सीटों पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वाम मोर्चा ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। ये उपचुनाव केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले से उपजी अस्त-व्यस्तता के बीच हो रहे हैं।

कूच बिहार संसदीय क्षेत्र में तृणमूल की रेणुका सिन्हा के निधन के बाद यह सीट खाली हो गई थी जबकि तमलुक से सांसद सुवेंदू अधिकारी के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल में शामिल होने से यह सीट भी रिक्त हो गई थी।

वहीं, तृणमूल के विधायक सजल पांजा के निधन के बाद मोंटेश्वर विधानसबा सीट रिक्त थी। इन उपचुनाव के लिए मतगणना मंगलवार को होगी।

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