दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे को एनजीटी की हरी झंडी

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वेनई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एनएचएआई को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के लिए यमुना नदी पर पुल बनाने की मंजूरी दे दी है। एनजीटी की प्रिंसिपल कमेटी ने कहा है कि इस पुल के निर्माण से पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा, बल्कि यह ज्यादा फायदेमंद साबित होगा। कमेटी ने एनएचएआई को निर्देश दिया है कि वह आईआईटी दिल्ली या रुड़की के इंजिनियरों को निर्माण कार्य के दौरान नियुक्त करेंगे, जो कि यह ध्यान रखेंगे कि इससे पर्यावरण को नुकसान न हो।

इस मामले में एनएचएआई ने कहा था कि दिल्ली से मेरठ जाने के लिए एनएच-58 पर अक्सर ट्रैफिक जाम लग जाता है। इससे लोगों को समस्या का सामना करना पड़ता है, लेकिन यह प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद जो रास्ता अभी तीन घंटे का है, वह केवल 45 मिनट का रह जाएगा। एनजीटी ने 2015 में आदेश दिया था कि किसी भी नए बांध, रेलवे, मेट्रो ब्रिज का प्रोजेक्ट शुरू नहीं किया जाएगा। इसके लिए पहले एनजीटी से मंजूरी लेनी होगी और आवश्यक मानकों को पूरा करना होगा।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप से बनाया जा रहा है और मार्च 2018 तक इसे शुरू किया जाना है। यह प्रोजेक्ट नेशनल हाइवे-2 रिंग रोड से शुरू होता है और उत्तर प्रदेश के मेरठ में खत्म होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 दिसंबर 2015 को इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। यह 96 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस वे है और इसके चौड़ीकरण का काम चार हिस्सों में बांटा गया था।

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