खुल गयी यूपी सरकार की कलई, बेटी की अस्मत बचाने के लिए इंजीनियर ने छोड़ा घर

उप्र में कानून-व्यवस्थालखनऊ| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उप्र में कानून-व्यवस्था ठीक होने के चाहे जितने दावे कर लें, लेकिन स्थितियां बता रही हैं कि उनके अपने विधायक ही उनकी छवि को पलीता लगाने में जुटे हुए हैं। सिद्धार्थनगर जिले में एक ऐसा वाकया सामने आया है। खड़गपुर से आईआईटी कर चुके एक इंजीनियर के परिवार का आरोप है कि सपा विधायक विजय पासवान की दबंगई की वजह से ही वे घर छोड़कर जाने के लिए मजबूर हुए हैं।

उप्र में कानून-व्यवस्था

सिद्धार्थनगर जिले के डुमरिया खुर्द गांव के निवासी जयराम प्रसाद ने 16 नवंबर को जिले के पुलिस अधीक्षक के पास एक शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने बताया था कि उनके पुत्र पूर्णमासी सिंह की 12 वर्षीय बेटी के साथ पड़ोस के ही कुछ लोगों ने दुष्कर्म करने का प्रयास किया।

जयराम की शिकायत के बाद पड़ोस के ही दो युवकों गणेश एवं जोगेश को जेल की हवा खानी पड़ी। जेल से छूटने के बाद एक बार फिर दोनों ने जयराम व उनके परिवार को परेशान करना शुरू कर दिया। आरोप है कि इन दोनों युवकों ने विधायक विजय पासवान की शह पर ही परिवार को मानसिक प्रताड़ना देने का काम किया।

ख़बरों के मुताबिक़ जयराम के पुत्र व खड़गपुर आईआईटी के छात्र रह चुके पूर्णमासी सिंह ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस तरह उनका परिवार विजय पासवान की गुंडई का शिकार होकर सिद्धार्थनगर से पलायन कर गया है। मामले में उप्र में कानून-व्यवस्था भी बस नाम की ही नजर आई।

पूर्णमासी ने कहा, “जेल से छूटने के बाद आए दिन दोनों युवक पूरे परिवार को परेशान कर रहे थे। मैं दिल्ली में नौकरी करता हूं इसीलिए बार-बार वहां जाना संभव नहीं हो पाता है। उनके आतंक का आलम यह है कि उनकी वजह से बच्चों ने दो महीने से स्कूल जाना छोड़ दिया है।”

उन्होंने बताया, “एक नवंबर को तो इन दोनों युवकों ने हद कर दी। मेरे छत की बगल वाली छत पर अपने दोस्तों के साथ बैठकर शराब पी। परिवार और बच्चों की तरफ इशारा कर इतनी गंदी हरकतें की कि उसका बोलना भी संभव नहीं है।”

पूर्णमासी सिंह के मुताबिक, जब भी उनकी 12 वर्षीय बेटी घर से बाहर निकलती है तो गणेश व उनके साथी काफी परेशान करते हैं। इसके साथ ही गणेश के घर की महिलाएं भी भद्दी बातें बोलती हैं। उप्र में कानून-व्यवस्था मानो जैसे कोई भय ही नहीं कि गणेश का चाचा एक नवंबर शाम को छत पर आकर कहने लगा कि यह तो शुरुआत है। अभी नंगा नाच बाकी है। इसको इतना परेशान करेंगे कि किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगी।

उन्होंने कहा, “अब बताइए ऐसे माहौल में अपने परिवार को लेकर कैसे रह सकते हैं। हमने पूरे परिवार को बच्चों सहित वहां से रिश्तेदार के पास भेज दिया है। पुलिस के पास शिकायत करने पर भी पुलिस खानापूर्ती के आलावा कुछ नहीं करती है।”

पूर्णमासी सिंह ने बताया कि दरअसल इन दोनों युवकों को स्थानीय विधायक विजय पासवान का संरक्षण प्राप्त है। उसकी शह पर ही ये लोग पूरे परिवार को परेशान कर रहे हैं। पूर्णमासी िंसह ने कहा, “अखिलेश सरकार की ओर से महिलाओं की सुरक्षा के जो दावे किए जा रहे हैं, वह पूरी तरह से खोखले साबित हुए हैं। चाहे डायल 100 हो या 1090 कहीं से भी मदद नहीं मिल रही है।”

उन्होंने बताया, “इसी मामले को लेकर मैंने सोमवार को सिद्धार्थनगर के पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की थी। उन्होंने हर संभव मदद का भरोसा दिया है, लेकिन फौरी तौर पर कोई राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है।”

पूर्णमासी सिंह ने बताया कि इस पूरे मामले की जानकारी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक एसएमएस के जरिए पहुंचाई गई थी, लेकिन उनकी तरफ से भी कोई कदम नहीं उठाया गया, जिससे परिवार को राहत मिल सके। उन्होंने कहा, “हमें तो उम्मीद थी कि महिला सुरक्षा के नाम पर इतने बड़े दावे करने वाले मुख्यमंत्री के मन में महिलाओं को लेकर सम्मान होगा तो वह इस पर कुछ न कुछ कदम जरूर उठाएंगे। लेकिन हमारी उम्मीद तो उम्मीद ही रह गई।”

अपने ऊपर लग रहे आरापों को लेकर कपिलवस्तु विधानसभा क्षेत्र से विधायक विजय पासवान ने आईएएनएस से कहा कि उनके ऊपर बेमतलब के आरोप लगाए जा रहे हैं। इसमें कोई सच्चाई नहीं है।

पासवान ने कहा, “मैं इस पूरे इलाके का प्रतिनिधि हूं। मेरी कोशिश रहती है कि सभी वर्ग के लोगों के साथ आपसी भाईचारा बना रहे। जहां परेशानी होती है तो खुद हस्तक्षेप कर मामले को निपटाने की कोशिश करता हूं। किसी को गलत आरोप लगाकर फंसाने की कोशिश की जाएगी तो यह अच्छी बात नहीं है।”

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