ताज को कुछ इस तरह निहारना पड़ा महंगा, जब बन आई जान पर
नई दिल्ली। देश की शान और दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल को आसमान से निहारने की कोशिश में कई लोगों की जान पर बन आई। इन दिनों ताज नगरी आगरा में बैलून महोत्सव चल रहा है। महोत्सव का उद्देश्य पर्यटकों को ताजमहल की ख़ूबसूरती निहारने का मौका देना है। लेकिन इस अभियान में बड़ा हादसा होने से उस वक्त टल गया, जब पायलट ने अपनी सूझबूझ से बैलून को मकान से टकराने से बचा लिया। दुर्घटनाग्रस्त बैलून खेतों में जा गिरा और काफी दूर तक घिसटता हुआ चला गया। गनीमत रही कि किसी की जान नहीं गई।
आगरा में बैलून महोत्सव
ख़बरों के मुताबिक़ ग्रामीणों ने घटना के स्थान पर पहुंचकर बैलून में सवार लोगों को बहार निकाला। वहां ग्रामीणों की भीड़ लग गई। सूचना पाकर पुलिस भी वहां पहुँच गयी।
गौरतलब है कि उद्घाटन वाले दिन भी कुछ इसी तरह से बैलून तय जगह के कुछ दूरी पर जाकर उतरे थे।
25 से 30 नवंबर तक आगरा के पीएसी ग्राउंड में यूपी टूरिज्म के सहयोग से आगरा में बैलून महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
सोमवार की सुबह करीब 7 बजे बेल्जियम के बैलून नंबर नौ ने उड़ान भरी थी। उसमें उस वक्त पांच लोग सवार थे। बैलून जमीन से करीब 600 से 700 फुट की ऊंचाई पर था। वह ताजगंज क्षेत्र के मियांपुर के पास उड़ रहा था।
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो सुबह करीब 11 बजे यह बैलून धीरे-धीरे नीचे की ओर आने लगा। इसी दौरान वह एक मकान के बहुत नजदीक आ गया।
लेकिन पायलट की सूझबूझ से वह मकान से टकराने से बच गया। खेतों में गिरते देखकर गांव वाले मौके पर पहुंच गए।
ताज बैलून महोत्सव की मीडिया प्रभारी दीपिका कोहली ने का कहना है कि जमीन पर इस तरह से बैलून की लैडिंग एक सामान्य प्रक्रिया है।
जमीन को छूते ही बैलून की बॉस्केट थोड़ी दूरी तक घिसटती जरूर है। दीपिका बताती है कि महोत्सव में भारत सहित 12 दूसरे देश भाग ले रहे हैं।
भारत के तीन सहित कुल 15 हॉट एयर बैलून हैं। यह सभी पीएसी ग्राउंड से उड़ान भरते हैं। 600 से 800 फुट की ऊंचाई तक जाते हैं।
उड़ान भरने के बाद यह मौसम पर निर्भर रहते हुए 20 से 25 किमी की दूरी तय करते हैं। हवा का रुख और मौसम खराब होने पर यह खेत या खुले मैदान में ही उतर जाते हैं। बाद में एक गाड़ी जाकर बैलून और उसमें सवार सभी लोगों को ले आती है।
ताज बैलून महोत्सव की मीडिया प्रभारी दीपिका कोहली का कहना है कि रात आठ बजे के बाद पीएसी के ग्राउंड पर ही हॉट एयर बैलून की टैथर्ट उड़ान होती है।
इस उड़ान के दौरान बैलून की बास्केट में एक रस्सी बांध दी जाती है। उस बास्केट में पायलट सहित पर्यटकों को बैठा दिया जाता है।
उसके बाद एक निश्चित ऊंचाई तक जाकर बैलून रुक जाता है। उसके बाद बैलून में बैठे पर्यटक ऊंचाई से रात के नजारे का लुत्फ उठाते हैं।