ट्रंप का नया फरमान, अमेरिका में एंट्री करनी है तो बताने होंगे सोशल मीडिया अकाउंट्स के पासवर्ड

अमेरिकी राष्ट्रचपति ट्रंपवाशिंगठन। संयुक्त राज्य अमेरिका में बाहर से आने वालों के लिए नई मुसीबत खड़ी हो सकती है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन ब्रिटिश यात्रियों के देश में दाखिल होने पर सख्त नियम लागू करने पर विचार कर रहा है। इनमें निजी जानकारी लेने से लेकर सोशल मीडिया का पासवर्ड मांगने और मोबाइल में मौजूद नंबर आदि की पड़ताल करना तक शामिल है।

ऐसी किसी भी जांच से इंकार करने पर यात्री को देश के अंदर जाने की इजाजत नहीं होगी। माना जा रहा है कि अमेरिका ये नए नियम सीरिया में किए गए हवाई हमले और अपनी सुरक्षा पुख्‍ता करने इरादे से लागू कर रहा है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक अमेरिका के करीबी सहयोगी जर्मनी, फ्रांस पर भी इसी तरह के कड़े नियम लागू होंगे। इनमें, निजी डेटा का खुलासा करने से लेकर आर्थिक जानकारियां मांगने और यहां तक कि गहराई के साथ विचारधारा संबंधित सवाल भी किए जा सकते हैं।

अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि सभी अंतरराष्ट्रीय यात्री जो अमेरिका में प्रवेश करते हैं, उनकी निगरानी का जिम्मा यूएस कस्टम और बॉर्डर प्रोटेक्शन टीम का है। इसलिए, जो कुछ भी यात्री अपने साथ लाए हैं कम्प्यूटर, डिस्क, ड्राईव्स, टेप्स, मोबाइल फोन और कैमरा या म्यूजिक प्लेयर, इन सभी उपकरणों के चलते यात्रियों को जांच से गुजरना पड़ेगा।

ऐसा तकनीकी की तरफ तेजी से बढ़ती दुनिया में अमेरिका को सुरक्षित और कानून के अनुकूल बनाए रखने के लिए किया जा रहा है। पिछले महीने ही अमेरिका ने दूसरे देशों से अपने यहां आने वाली कुछ फ्लाइट्स पर ऐसी ही पाबंदियां लगाई थीं। इनमें दुबई, अबू धाबी, दोहा, कुवैत, जेद्दाह, अम्मान, काहिरा, इस्तांबुल या कैसाब्लांका के एयरपोर्ट से आने वालों को फ्लाइट में लैपटॉप, टैबलेट के साथ ही दूसरे कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल करने पर मनाही थी।

बता दें कि हाल ही में सीरिया पर अमेरिकी सैन्य हमले का शनिवार (8 अप्रैल) को विश्व के ज्यादातर देशों ने स्वागत किया और ब्रिटेन एवं इस्राइल जैसे देशों ने इसे राष्ट्रपति बशर अल असद सरकार द्वारा रसायनिक हमले का उचित जवाब बताया।

हालांकि, रूस और ईरान ने इस एक तरफा कार्रवाई की कड़ी निंदा की। ब्रिटेन ने कहा कि वह मंगलवार को खान शेखुन में संदिग्ध रसायनिक हथियार हमले को लेकर सीरिया में सैन्य अड्डे पर अमेरिकी मिसाइल हमले का पूरी तरह से समर्थन करता है।

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