होम लोन का बजट में ऐलान तो हुआ लेकिन ऐसे मिलेगा फायदा, इस तरह समझे पूरा गणित

अपना घर हर किसी का सपना होता है लेकिन एकमुश्‍त रकम नहीं होने की वजह से होम लोन का सहारा लेना पड़ता है. हालांकि बजट में ऐसा ऐलान हुआ है जिसके जरिए आम लोगों को होम लोन की ब्‍याज दर पर बड़ी राहत मिलने वाली है. आइए समझते हैं कि यह राहत कैसे मिलेगी.

सबसे पहले जानिए क्‍या हुआ ऐलान
दरअसल, आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने होम लोन के ब्याज पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त टैक्‍स छूट देने का ऐलान किया है. अब तक यह टैक्‍स छूट 2 लाख रुपये की थी. यानी बजट के ऐलान के बाद होम लोन की ब्‍याज पर 3.50 लाख तक की छूट का फायदा उठाया जा सकता है.

हालांकि इसका फायदा उठाने के लिए कुछ शर्तें भी हैं. मसलन, यह छूट 45 लाख रुपये तक के घर के होम लोन पर ही मिलेगी. इस होम लोन की समयावधि अधिकतम 15 साल होना अनिवार्य है. वहीं खरीदार के नाम पहले से कोई प्रॉपर्टी भी नहीं होनी चाहिए. सबसे खास पहलू यह है कि इस स्कीम का लाभ 1 अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2020 तक लिए गए होम लोन पर ही उठाया जा सकता है. कहने का मतलब यह है कि नए खरीददारों को ही इस छूट का फायदा मिलेगा.

उदाहरण से समझें
मान लीजिए कि सालाना 10 लाख की कमाई करने वाले सुधीर ने दिल्‍ली में 40 लाख रुपये का घर खरीदा है. इस घर के लिए सुधीर ने एसबीआई से 8.55 की ब्‍याज दर पर 30 लाख रुपये का होम लोन लिया है. अब वह इनकम टैक्‍स रिटर्न में होम लोन पर दिए जाने वाले ब्‍याज का हिसाब दे सकता है. इसका फायदा यह होगा कि सुधीर को 3.50 लाख रुपये की छूट मिलेगी.

आसान भाषा में समझें तो सुधीर अपने टैक्‍सेबल इनकम में से 3.50 लाख रुपये की छूट ले सकता है. यहां बता दें कि कोई व्यक्ति मकान खरीदने के लिए होम लोन लेता है तो आयकर अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत इस लोन के मूलधन और ब्‍याज दोनों के री-पेमेंट पर टैक्स बचाने की सुविधा मिलती है.

पहले 2 लाख रुपये की थी टैक्स छूट
पहले होम लोन के ब्‍याज पर मिलने वाली यह टैक्‍स छूट 2 लाख रुपये की थी. यानी बजट में होम लोन की ब्‍याज पर 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट का जो ऐलान किया गया है यह पहले मिलने वाले दो लाख रुपये की टैक्स छूट के अतिरिक्त है.

ऐसी उम्‍मीद है कि इसका सबसे अधिक फायदा छोटे शहरों या टियर-2 और टियर-3 सिटी में मकान के खरीदारों को मिलेगा. वहीं टियर-1 या मेट्रो शहरों में इसका फायदा सीमित होगा, क्योंकि इन शहरों में मकानों की कीमतें काफी ज्यादा है.

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