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होटलों और रेस्तरांओंनई दिल्ली। सरकार होटलों और रेस्तरांओं में ग्राहकों को परोसे जाने वाले खाने के हिस्से को विनियमित करने के लिए कोई कानून नहीं बनाएगी या कोई आदेश नहीं देगी। एक केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को ये बातें कही।

केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा, “हम कोई कानून बनाना या होटलों के लिए कोई आदेश जारी नहीं करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि होटल उद्योग अपने आप से व्यवस्था करे।”

पासवान ने एक प्रेस वार्ता में कहा, “प्रधानमंत्री ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में राष्ट्र को संबोधित करते हुए भोजन की बर्बादी के बारे में बात की थी। चूंकि ग्राहकों को होटलों और रेस्तरांओं में परोसे जा रहे भोजन की मात्रा के बारे में जानकारी नहीं होती। इसलिए वे अधिक मात्रा में आर्डर कर देते हैं और बाकी बचा खाना बर्बाद हो जाता है। इसलिए हमने होटलों से ग्राहकों को अपने मेनू में भोजन की मात्रा के बारे में बताने के लिए कहा है ताकि वे इसके अनुसार ऑर्डर कर सकें।”

मंत्री ने कहा कि सरकार होटलों द्वारा वसूली जाने वाली एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) में हस्तक्षेप का इरादा नहीं रखती है।

उन्होंने कहा, “होटलों को हमें बताना चाहिए कि सूप की मात्रा कितनी होगी, जैसे मिलीलीटर में। वहीं एक प्लेट में कितने झींगे होंेगे यह भी बताना होगा। ताकि ग्राहक अपनी जरूरत के हिसाब से आर्डर कर सकें। हम उनके एमआरपी में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते, लेकिन भोजन की मात्रा मेनू कार्ड पर लिखी जानी चाहिए।”

पासवान ने कहा कि ग्राहकों को यह जानने का अधिकार है कि उन्हें क्या और कितना परोसा जाएगा।

सरकार ने एसोसिएशन ऑफ होटल्स से भोजन की बर्बादी रोकने के लिए अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने को कहा है।

उपभोक्ता मामले विभाग की अतिरिक्त सचिव मधुलिका सुकुल का कहना है, “एसोसिएशन इस बात पर सहमत है कि वह अपने ग्राहकों के बीच जागरूकता फैलाएगा तथा अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेगा। कई ने आधा प्लेट भोजन परोसना शुरू भी कर दिया है।”

पासवान ने कहा कि सरकार ने रेस्तरां के बिल से सर्विस टैक्स को हटाने की भी सलाह दी है, क्योंकि यह कोई कर नहीं बल्कि टिप है। हमने इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय को सलाह दी है।

उन्होंने यह भी कहा कि उत्पादों पर दोहरी एमआरपी छापने वाली कंपनियों पर कार्रवाई की जाएगी।

पासवान ने कहा, “यह कानून के खिलाफ है, ऐसे मामलों में कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में कुछ सफलता मिली है। पेप्सी की एक्विफिना ने देश भर में एक एमआरपी पर बेचने का फैसला किया है।”

उन्होंने कहा कि क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने अपने सभी स्टेडियमों में एक ही एमआरपी पर पीने का पानी बेचने का आदेश जारी किया है।

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