हैदराबाद एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई पुलिस को लताड़, 6 महीनों में कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपे जांच कमेटी

सरकार की आँखों की किरकिरी बना हैदराबाद दुष्कर्म कांड पर पहले ही इतना बवाल हो रहा था, जिसमें हैदराबाद पुलिस के द्वारा किये एनकाउंटर ने आग में घी डालने का काम किया है. दुष्कर्म और हत्या के मामले में लिप्त चारों आरोपियों के एनकाउंटर की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिन तीन सदस्यों की कमेटी गठित की है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को जमकर लताड़ लगाई. कोर्ट ने कहा कि पुलिस ये बताये कि क्या वो मुर्दों पर केस चलाने वाली पद्दति को अपनाना चाहती है. और इस मामले की सच्चाई अगर कोई जानना चाहता है तो ये सभी का हक है.

हैदराबाद एनकाउंटर

6 महीनों में रिपोर्ट सौंपने के आदेश-

फिलहाल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट नेजांच कमेटी को आदेश दिया है कि वो इस मामले में 6 माह के अन्दर अपनी रिपोर्ट सौंपे. साथ ही कोर्ट ने अपना अगला आदेश आने तक इस मामले में हाई कोर्ट और मानवाधिकार आयोग की कार्यवाही पर रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एस. अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ वकील जीएस मणि व वकील प्रदीप कुमार की संयुक्त याचिका और एडवोकेट एमएल शर्मा यादव की याचिका पर सुनवाई कर रही है।
हाई कोर्ट और मानवाधिकार की कार्यवाही पर रोक- 
कोर्ट के जजों ने sit से भी इस मामले में रिपोर्ट मांगी है. साथ ही पीठ ने इस मामले में तेलंगाना हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिकाओं पर चल रही सुनवाई और मानवाधिकार आयोग की कार्यवाही पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
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गौरतलब है कि 27 नवंबर को शम्साबाद इलाके में एक महिला पशु चिकित्सक की सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या कर उसे जला दिया गया था। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनकी 6 दिसंबर को घटनास्थल पर सीन रिक्रिएशन के दौरान पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई।

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