हुआ खुलासा , फेसबुक ने अंजाने में अपलोड कीं 15 लाख यूजर्स की ईमेल आईडी

नई दिल्ली  : फेसबुक इंक ने बुधवार को कहा है कि ऐसा हो सकता है कि उसने अंजाने  में मई, 2016 के बाद करीब 15 लाख यूजर्स की ईमेल आईडी को अपलोड कर दिया हैं।

 

फेसबुक

 

जहां ये सोशल मीडिया कंपनी के सामने निजता को लेकर एक नई समस्या बन सकती है। इससे पहले मार्च में कंपनी ने कहा था कि फेसबुक ने एक विकल्प के तौर पर पहली बार साइनअप करने वाले यूजर्स को ईमेल पासवर्ट वेरिफिकेशन को पेश करना बंद कर दिया था।

 

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बता दें की कंपनी का कहना था की ऐसे मामले सामने आए थे कि जब लोगों ने फेसबुक पर अकाउंट बनाया तो उनके ईमेल कॉन्टैक्ट्स अपलोड होने लगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक ने राइटर्स से कहा है, “हमारा अनुमान है कि शायद 15 लाख लोगों के ईमेल कॉन्टैक्ट्स अपलोड हो गए हैं। ये कॉन्टैक्ट्स किसी के साथ शेयर नहीं किए गए हैं और हम उन्हें डिलीट कर रहे हैं।

लेकिन फेसबुक ने ये भी कहा कि जिन यूजर्स के कॉन्टैक्ट अपलोड हुए हैं, उन्हें इस बात की जानकारी दे दी जाएगी। कंपनी का कहना है कि गड़बड़ी को ठीक कर लिया गया है।

खबरों के मुताबिक इससे पहले बिजनेस इन्साइडर ने रिपोर्ट किया था कि जब यूजर्स अपना अकाउंट खोल रहे थे तब सोशल मीडिया कंपनी ने बिना उनकी अनुमति और बिना उन्हें जानकारी दिए उनके ईमेल कॉन्टैक्ट्स का इस्तेमाल किया था। रिपोर्ट के अनुसार जब कोई ईमेल पासवर्ड एंटर किया जाता, तो एक मैसेज आने लगता, जिसमें लिखा होता कि बिना अनुमति के कॉन्टैक्ट्स लिए जा रहे हैं।

जहां फेसबुक को हाल ही में निजता से जुड़ी कई परेशानियों का सामना करना पड़ा है। जिसमें ये खबर भी थी कि लाखों यूजर्स के पासवर्ड रीडेबल फॉर्मेट में उसके कर्मियों के इंटरनल सिस्टम में संग्रहित हैं। बीते साल लंदन की पॉलिटिकल कंसल्टेंसी फर्म कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा फेसबुक के डाटा लीक के सामने आने के बाद पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया था। इसके बाद कई जांच हुईं और फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने इसके लिए माफी भी मांगी।

दरअसल उस दौरान फेसबुक ने कहा था कि उसे कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा डाटा चोरी की जानकारी नहीं थी, लेकिन फिर खुलासा हुआ कि फेसबुक को कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा यूजर्स की डाटा चोरी की पूरी जानकारी थी और कंपनी ने इसे दबाए रखा।

 

अब गौरतलब है कि कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा फेसबुक के करीब 8.7 करोड़ यूजर्स का डाटा चोरी करने का खुलासा हुआ था। फेसबुक के इस डाटा लीक मामले की जांच कर रही फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) ने कहा था कि फेसबुक ने 2011 में तैयार हुए सेफगार्ड यूजर्स प्राइवेसी के नियमों का उल्लंघन किया है।

 

 

 

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