हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के हवाले से SC ने कहा- विवाहिता के लिए उसके मायके वाले ‘अजनबी’ नहीं!

उच्चतम न्यायलय ने सुनवाई करते हुए एक फैसला लिया। न्यायलय ने हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के मद्देनजर अपने शब्दों को दोहराते हुए कहा कि हिंदू विवाहिता के लिए उसके मायके वाले अजनबी नहीं होते। इसी के साथ कहा कि किसी विधवा द्वारा अपने भाई के बेटे के नाम संपत्ति करना गलत नहीं है।

यदि बात करें जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ की तो उसने अपने फैसले में कहा कि, जब हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत विवाहित महिला के पिता के उत्तराधिकारियों को संपत्ति के उत्तराधिकारियों में शामिल किया गया है ऐसे में महिला के मायके वालों को अजनबी नहीं कहा जा सकता।

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