हार्मोन्स के जरिए तनावग्रस्त हो सकते हैं बच्चे, जानिए कैसे

हार्मोन के जरिएभारतीय मूल के शोधकर्ता ने न्यूजीलैंड में किए एक अध्ययन में कहा है कि ऐसी माएं जो सीजेरियन बच्चे को जन्म देती हैं। उनके बच्चों को मां के दूध से हार्मोन के जरिए तनाव मिल सकता हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, ऑकलैंड विश्वविद्यालय के लिग्निस संस्थान के शोधकर्ताओं ने 650 मां के दूध के नमूनों के विश्लेषण के आधार पर तैयार अध्ययन का खुलासा बुधवार को किया। इसमें ऐसी मांओ को शामिल किया गया जिनके बच्चे तीन से चार महीने के थे।

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निष्कर्षो से पता चलता है कि ऐसे माएं जिनमें बच्चे का जन्म सीजेरियन के जरिए हुआ या जिनका जोड़ीदार उनके घर पर नहीं था उनके दूध में कॉर्टिसोल तनाव हार्मोन की मात्रा ज्यादा थी।

अपने बयान में शोधकर्ता शिखा पुंडीर ने कहा कि शरीर के तनाव का मुख्य नियंत्रक कॉर्टिसोल मूड और विकास को प्रभावित करता है।

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हालांकि तनाव हार्मोन की एक तय मात्रा शरीर के बेहतर विकास के लिए जरूरी होती है। पशुओं पर किए गए अध्ययन से पता चलता है कि दूध में कॉर्टिसोल की ज्यादा मात्रा बच्चे के स्वभाव को प्रभावित करती है।

मां के दूध में पोषण और प्रतिरोधी शक्तियां बढ़ाने की क्षमता होती है। लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अभी साफ नहीं हो सका है कि तनाव हार्मोन बच्चों के विकास पर किस तरह असर डालता है।

निष्कर्ष से सभी माताओं से बच्चों में जाने वाले तनाव को रोकने में मदद मिलने की उम्मीद है। जो बच्चे के स्वास्थ्य पर लंबे समय तक प्रभाव डालता है।

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