बारह सौ अध्‍यापकों की भर्ती पर लगी रोक हटी

हाईकोर्ट नैनीताल। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए दोबारा विज्ञापन जारी कर द्विवर्षीय प्रशिक्षण धारकों को शामिल करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट के इस आदेश के बाद प्रदेश में 1200 शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। प्रदेश सरकार ने स्पेशल अपील दायर कर हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश को चुनौती दी थी।

पूर्व में अल्मोड़ा निवासी हरीश चंद्र ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि शिक्षकों की भर्ती के लिए 17 फरवरी  2016 को विज्ञापन जारी किया गया था, उसमें डीएलएड धारकों को आवेदन से वंचित रखा गया। उसी याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने राज्य सरकार को आदेशित किया था कि वह सहायक अध्यापकों के पद नए सिरे से विज्ञापित करते हुए उसमें डीएलएड डिप्लोमाधारियों को भी शामिल करें।

हाईकोर्ट के आदेश को राज्‍य सरकार ने दी थी चुनौती

एकलपीठ के इस आदेश को राज्य सरकार ने खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी। सरकार ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से राज्य के बाहर से डीएलएड डिप्लोमा लिया गया जबकि उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी नियमावली के अनुसार डीएलएड डिप्लोमाधारी को अपने जिले के डायट से प्रशिक्षण लेना होता है।

सरकार की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता द्वारा उत्तराखंड की राजकीय प्रारंभिक शिक्षा सेवा नियमावली को चुनौती नहीं दी गई थी। जिसके तहत अभ्यर्थी को संबंधित जिले का होना चाहिए तथा राज्य में अब तक 46 बार विज्ञप्ति जारी की जा चुकी है।

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