वीडियो स्टिंग में फंसे रावत ने कहा, केन्द्र हमारे फोन टैप करा रही

देहरादून। उत्तराखंड में 10 मई को होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले नये स्टिंग वीडियो के सामने आ जाने के कारण सियासत फिर से गरमा गई। इस वीडियो के आने से एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सवालों के घेरे में आ गये हैं। पूर्व मुख्यमंत्री रावत को निशाने पर लेते हुए बीजेपी ने उन पर विधायकों को खरीदने की कोशीश करने का आरोप लगाया है।

हरीश रावत सवालों के घेरे में

हरीश रावत

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को आदेश दिया था कि उत्तराखंड विधानसभा में 10 मई को फ्लोर टेस्ट कराया जाए, जब हरीश रावत विश्वास मत हासिल करने की कोशिश करेंगे। लेकिन टेस्ट से पहले ही यह वीडियो सामने आ गया तो मामला कुछ और ही बिगड़ गया और आरोप प्रत्यारोपों का सिलसिला जारी हो गया।

जहां एक ओर उत्तराखंड संकट को लेकर राजनीति लड़ाई तेज़ होने लगी है वहीं रावत भी अपनी सफाई देने में जुट गए हैं। हरीश रावत ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों के मामले में सफाई देते हुए एक बयान दिया। इस बयान में रावत ने एनडीए सरकार और बीजेपी पर ‘ब्लैकमेल की राजनीति’ करने और इस पर्वतीय राज्य में अशांति फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेसी विधायकों को धमकियां दी जा रही हैं साथ ही केन्द्रीय एजेंसियां उनका फोन टैप कर रहीं हैं।

दरअसल, दिल्ली में रविवार को एक निजी न्यूज चैनल द्वारा जारी एक कथित स्टिंग वीडियो में रावत को निशाना बनाया गया है। इसमें कांग्रेस के बागी विधायक हरक सिंह रावत और कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट के बीच की बातचीत दिखाई गई है। बिष्ट ने वीडियो में कहा है कि हरीश रावत अपने गुट को एकजुट रखने के लिए अपने विधायकों को धन दे रहे हैं।

बीजेपी नेता भगत सिंह कोशियारी ने आरोप आरोप लगाते हुए कहा, “वीडियो में दिखा है कि हरीश रावत खुद ही विधायकों की खरीद फरोख्त में शामिल हैं।”

सिंह ने कहा पहले भी एक स्टिंग हुआ था और अब एक नया स्टिंग वीडियो भी आ गया। इसमें  विधायक कह रहा है कि मुख्यमंत्री खुद ही अपने विधायकों को 25-30 लाख रुपए दे रहे हैं ताकि उन्हें मना सकें।

वहीं, कांग्रेस ने पटलवार करते हुए आरोप लगाया है कि बीजेपी विश्वास मत से पहले हरीश रावत के खिलाफ एक साजिश रच रही है। पार्टी ने राज्यपाल केके पॉल को पत्र लिख कर मांग की है कि बीजेपी नेता और उत्तराखंड प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय को राज्य से दूर रखा जाए। उनका कहना है कि इनको तब तक दूर रखा जाए जब तक कि विश्वास मत नहीं हो जाता। अपने इस कथन की वजह कांग्रस का यह मानना है कि वह राज्य में राजनीतिक माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

रावत ने कहा कि मैं केंद्र सरकार और बीजेपी पर आरोप लगाता हूं कि वे लोग इस राज्य में कब्जा और अशांति की राजनीति कर रहे हैं। मैंने फैसला किया है कि 10 मई के नतीजे के बाद ये सभी ब्लैकमेलर जो खुल्लमखुल्ला लोगों को जाल में फंसाने के लिए धन और अन्य प्रलोभन की पेशकश कर रहे हैं। लोगों को ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ हम किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में एक लड़ाई छेड़ेंगे।

बीजेपी ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के विधायकों का समर्थन खो दिया और वह मंगलवार को होने वाला विश्वास मत हारने वाले हैं। पार्टी नेता कोश्यारी ने कहा कि यदि उन्हें लगता है कि धन देकर वे लोग सदन में विश्वास मत हासिल कर लेंगे तो वे गलत हैं। 10 तारीख को बहुमत कांग्रेस के खिलाफ होगा और नई सरकार बीजेपी बनाएगी।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के सत्ता में आने पर इस शीर्ष पद के दावेदार के तौर पर देखे जा रहे कोश्यारी यह सवाल टाल गए कि पार्टी से मुख्यमंत्री कौन होगा। उन्होंने कहा कि यह जवाब पार्टी अध्यक्ष अमित शाह दे सकते हैं। कोश्यारी ने बताया कि एक विधायक ने खुद कहा है कि मुख्यमंत्री अपने विधायकों को रिझाने के लिए 25-30 लाख रुपए दे रहे हैं। इससे ज्यादा शर्मनाक चीज नहीं हो सकती।

कोश्यारी ने कहा कि यह पहली घटना है जब सरकार धन विधेयक पर नाकाम रही है और विधानसभा स्पीकर ने एक गलत फैसला लिया। राज्यपाल को उसी दिन सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए था। बहरहाल, विश्वास मत के दौरान कांग्रेस के अयोग्य ठहराए गए नौ विधायक वोट करने में सक्षम हो सकेंगे, बशर्ते कि उच्च न्यायालय उन्हें इजाजत दे। उच्च न्यायालय ने बागी विधायकों की याचिका पर अपना फैसला आज के लिए सुरक्षित रखा है।

 

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