हरिद्रा खंड से दूर होगी हर एलर्जी

Turmeric-Root_5722872c4b268एजेंसी/ हरिद्रा खंड के सेवन से शीतपित्त, खुजली, एलर्जी और चर्म रोग नष्ट होकर देह में सुन्दरता आ जाती है. बाज़ार में यह ओषधि सूखे चूर्ण के रूप में मिलती है. इसे खाने के लिए मीठे दूध का प्रयोग अच्छा होता है. परन्तु शास्त्र विधि में इसको निम्न प्रकार से घर पर बना कर खाया जाये तो अधिक गुणकारी रहता है. बाज़ार में इस विधि से बना कर चूँकि अधिक दिन तक नहीं रखा जा सकता, इसलिए नहीं मिलता है. घर पर बनी इस विधि बना हरिद्रा खंड अधिक गुणकारी और स्वादिष्ट होता है. मेरा अनुभव हे की कई सालो से चलती आ रही एलर्जी ,या स्किन में अचानक उठाने वाले चकत्ते ,खुजली इसके दो तीन माह के सेवन से हमेशा के लिए ठीक हो जाती है. इस प्रकार के रोगियों को यह बनवा कर जरुर खाना चाहिए और अपने मित्रो को भी बताना चाहिए. यह हानि रहित निरापद बच्चे बूढ़े सभी को खा सकने योग्य है. जो नहीं बना सकते वे या शुगर के मरीज, कुछ कम गुणकारी, चूर्ण रूप में जो की बाज़ार में उपलब्ध हे का सेवन कर सकते है.

सामग्री: हरिद्रा – 320 ग्राम, गाय का घी- 240 ग्राम,दूध- 5 किलो, शक्कर-2 किलो.
सोंठ ,कालीमिर्च,पीपल,तेजपत्र, छोटी इलायची, दालचीनी, वायविडंग, निशोथ, हरड, बहेड़ा, आंवले , नागकेशर,नागरमोथा, और लोह भस्म, प्रत्येक 40-40 ग्राम ( यह सभी आयुर्वेदिक औषधि विक्रेताओ से मिल जाएँगी). आप यदि अधिक नहीं बनाना चाहते तो हर वस्तु अनुपात रूप से कम की जा सकती हे.

(यदि हल्दी ताजी मिल सके तो 1 किलो 250 ग्राम लेकर छीलकर मिक्सर पीस कर काम में लें)

बनाने की विधि: हल्दी को दूध में मिलाकार खोया या मावा बनाये, इस खोये को घी डालकर धीमी आंच पर भूने, भुनने के बाद इसमें शक्कर मिलाये. सक्कर गलने पर शेष औषधियों का कपड छान बारीक़ चूर्ण मिला देवे. अच्छी तरह से पाक जाने पर चक्की या लड्डू बना लें.
सेवन की मात्रा- 20 ग्राम दो बार दूध के साथ.

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