हरित कौशल विकास कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम का किया गया आयोजन

REPOTER-PUSHKAR NEGI

आज से छह दिवसीय हरित कौशल विकास कार्यक्रम प्रशिक्षण के तहत नंदप्रयाग नगर पंचायत के सभागार में गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान द्वारा शुरू किया गया इस कार्यक्रम मैं क्षेत्रीय किसानों की आजीविका को बढ़ाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा यही नहीं उन्हें पर्यावरण वन एवं जलवायु से संबंधित कार्यक्रमों से जागरूक करना अनिवार्य है।

हरित कौशल विकास

डॉक्टर मैखुरी का कहना है की हम पहाड़ों में कई प्रकार से अपनी आजीविका को  बढ़ा सकते हैं पहाड़ों में होने वाले दुर्लभ प्रजाति के जड़ी बूटी हो या फिर यहां के उत्पाद को बढ़ाया जा सकता है। प्राकृतिक संसाधनों  का सरल वैज्ञानिक तकनीकी ओं  के उपयोग द्वारा  उचित प्रबंधन  कर उच्च हिमालय क्षेत्र के  जनजातीय  समुदायों का  आजीविका  संवर्धन करना है ।उसके लिए हमें कड़ी मेहनत से काम करने की जरूरत है हम अपने खेतों में जड़ी बूटी उद्यान ई करण के साथ साथ अन्य काम भी कर सकते हैं जिससे हमारी आजीविका में बढ़ोतरी हो सकती है यही नहीं उन्होंने कई जिलों के उदाहरण भी किसानों के सामने रखें।

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पर्यावरणविद चंडी प्रसाद भट्ट ने भी अपनी गढ़वाली भाषा में सभी किसानों के साथ बात की उनका कहना है कि जब तक हम पर्यावरण को नहीं बचाएंगे तब तक हम कुछ नहीं कर सकते हमें जो बोलूं को आग से बचाना होगा जिससे हम आपदा से बच सकते हैं  आग लगने के कारण बरसात में मिट्टी बह जाती है और जमीन की उर्वरता समाप्त हो जाती है और उसके परिणाम अच्छे नहीं होते हैं, इसलिए हम लोगों को पर्यावरण की ओर विशेष ध्यान देना  चाहिए।

 

 

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