हनुमान जयंती के जुलूस में शामिल लोगों की पुलिस से झड़प

हनुमान जयंतीबीरभूम| पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में मंगलवार को हनुमान जयंती पर निकाले गए एक जुलूस में शामिल लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। जुलूस जिला मुख्यालय सूरी की सड़कों पर निकाली गई थी। जुलूस में शामिल लोग भगवा ध्वज हाथ में लिए हुए थे। पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के कर्मियों ने बड़ाबगान इलाके के पास उन्हें रोक दिया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प शुरू हो गई।

हनुमान जयंती पर खड़ा हुआ बवाल

जिला पुलिस ने बताया कि जुलूस के लिए अनुमति नहीं ली गई थी और जब जुलूस में शामिल लोग ‘शहर के संवदेनशील इलाकों’ में प्रवेश करने लगे तो उन्हें हस्तक्षेप करना पड़ा।

बीरभूम के पुलिस अधीक्षक एन. सुधीर कुमार ने कहा, “हमने उस इलाके में ऐसे किसी जुलूस की अनुमति नहीं दी थी और उन्हें उसमें किसी भी नेता को आमंत्रित नहीं करने को कहा था। लेकिन उसके बावजूद उन्होंने वहां जुलूस निकाला। पहले हमने आपत्ति नहीं जताई, लेकिन जब वे शहर के मिश्रित आबादी वाले संवेदनशील इलाकों में प्रवेश करने लगे तो हमने हस्तक्षेप किया।”

पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए लाठीचार्ज भी किया और रैली में शामिल कुछ लोगों को कथित तौर पर हिंसा के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।

अधिकारी ने कहा, “कुछ लोगों को इसलिए हिरासत में लिया गया क्योंकि वे पुलिस की बात नहीं मान रहे थे और उन्होंने पुलिसकर्मियों के साथ बदसलूकी करने की कोशिश की। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए हमें उन्हें जबरन रोकना पड़ा।”

तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अनुव्रत मंडल ने राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष पर जुलूस आयोजनकर्ताओं को उकसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस कार्रवाई जरूरी और सही थी।

मंडल ने कहा, “दिलीप घोष इस जुलूस में खुद शामिल होने वाले थे। वह खुद नहीं आए, लेकिन उन्होंने कोलकाता के स्थानीय लोगों को उकसाने की कोशिश की। बीरभूम में ये चालें कामयाब नहीं होंगी।”

उन्होंने कहा, “पुलिस ने पहले कोई आपत्ति नहीं जताई, लेकिन उन्होंने जुलूस को मदरसा रोड पर नहीं जाने को कहा। उन्होंने पुलिस की बात नहीं मानी। मुझे लगता है कि पुलिस ने जो किया, वह सही है।”

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