मायावती ही नहीं स्वाति भी थी दया से परेशान
लखनऊ। गालीकांड से पूरे देश की राजनीति में सुर्खियों में आये दयाशंकर सिंह से सिर्फ मायावती ही नहीं उनकी पत्नी भी परेशान रहती थीं। जिस वजह से स्वाति और दयाशंकर कई सालों से अलग रह रहे थे। जहां स्वाति आशियाना स्थित अपने मायके में रहती थीं तो वहीं दयाशंकर सिंह हजरतगंज के पास स्थित एक मकान में।
स्वाति और दयाशंकर के बीच बढ़ गई थी दूरी
स्वाति और दयाशंकर के नजदीकी लोगों का कहना है कि इन दोनों के बीच खटास इस हद तक बढ़ गयी थी कि यह दोनों ही तलाक लेने की सोच चुके थे। उनके अनुसार शादी के कुछ साल तो सब सही रहा लेकिन कहा जाता है कि एक ही प्रोफेशन के दो लोगों के बीच अक्सर खटास पैदा हो जाती है। ऐसा ही इस संबंध में भी हुआ और कुछ सालों बाद ही स्वाति अपने पति दया को छोड़ अपने मायके जाकर रहने लगी। दयाशंकर भी अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षाओं को पूरा करने में स्वाति से दूर होता गया और यह रिश्ता सिर्फ एक औपचारिकता भर रह गया था।
करीबियों का कहना है कि इस रिश्ते के टूटने का कारण दोनों की राजनीतिक महत्वकांक्षाएं हैं। चूंकि स्वाति और दयाशंकार दोनों ही लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रसंघ से जुड़े हुए थे। यहीं इन लोगों का प्यार भी परवान चढ़ा, जिसके बाद दोनों ने लव मैरिज कर ली। शादी से पहले तो सब ठीक था लेकिन शादी के बाद दयाशंकर ने स्वाति के राजनीति में रहने पर पाबंदी लगा दी। दयाशंकर के इस फैसले से स्वाति अंदर ही अंदर टूट गयी थी। वह भी अपना भविष्य राजनीति में ही तलाशना चाहती थी लेकिन उसकी दया के सामने एक न चली। यह बात स्वाति के मन में घाव कर गई और शादी के कुछ सालों बाद यह नासूर बन चुकी थी। जिसने इनके पारिवारिक जीवन को तहस नहस कर दिया।
स्वाति को मिला मौका
स्वाति और दयाशंकार का रिश्ता वेंटिलेटर तक पहुंच गया था लेकिन तभी गालीकांड ने इस रिश्ते में जान झोंक दी। स्वाति जो दयाशंकर और राजनीति को बीती बात मान चुकी थी उसके लिए यह दूसरा मौका बन कर आया जिसका फायदा उठाते हुए स्वाति ने एक बार फिर अपनी शून्य में जा चुकी राजनीति को जिंदा कर दिया। दयाशंकार के करीबियों का कहना है कि स्वाति अपना राजनीतिक करियर फिर से संवारने के लिए इस लड़ाई में कूदी हैं। इसी वजह से आज कल वे अपना फेसबुक पेज भी ऑपरेट कर रहीं हैं और विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से टिकट भी लेने की सोच रखती हैं।
यह कहानी पूरी फिल्मी है
दयाशंकर और स्वाति की कहानी पूरी फिल्मी है। कॉलेज में प्यार और फिर शादी। दयाशंकर और स्वाति दोनों ही लखनऊ विश्वविद्यालय में एक साथ पढ़ाई करते थे। यहां ये दोनों ही छात्रसंघ से जुड़े हुए थे। साथ में चुनाव लड़ते लड़ते कब इनके दिल मिल गये इन्हें पता भी न चला। इसके बाद इन दोनों ने ही अपने घरों अपने प्यार के बारे में बताया। चूंकि उस समय तक लव मैरिज इतनी आम बात नहीं थी तो शुरुआत में इनको अपने परिवार को समझाने में थोड़ा समय लगा। लेकिन बाद में चलकर सब राजी हो गये और दया और स्वाति ने शादी कर ली।