कैसे होगा मरीजों का इलाज, खुद स्वास्थ्य केंद्र की हालत है गंभीर

स्वास्थ्य केंद्रलखनऊ। काशी विद्यापीठ ब्लॉक के पीएचसी पर मरीजों के लिए पीने का पानी तक नहीं है। साथ ही जरूरी दवाएं एक हफ्ते में खत्म होने से मरीजों को निजी मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीदनी पड़ती है। स्वास्थ्य केंद्र में दो वाटर फिल्टर तीन महीने से खराब हैं। यहां एक हैंडपंप है जो कई हफ्तों से बेकार पड़ा है। केंद्र में बुखार और कफ सीरप तक की दवाएं नहीं हैं, और सीएमओ कार्यालय में कई बार शिकायत के बाद भी दवाएं अब तक उपलब्ध नहीं कराई गईं। बुखार,आई, ईयर ड्राप, एंटिबायोटिक, कैल्सियम समेत आयुर्वेद की कई दवाएं नहीं हैं।

स्वास्थ्य केंद्र की हालत गंभीर

स्वास्थ्य केंद्र की ओपीडी 400 है। प्रसव केंद्र में माह में 20 से ज्यादा डिलीवरी होती है और 150 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं की जांच होती है। मरीज और तीमारदार स्टाफ टंकी के गंदे पानी को पीते हैं या पानी खरीदना पड़ता है।

प्रसव के लिए आई गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों को दो से तीन दिनों तक रुकना होता है लेकिन पानी की व्यवस्था न होने से वे परेशान होते हैं। इसी तरह दवाएं खत्म होने के कारण मरीजों को 150-400 रुपये तक की दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। मरीजों को डॉक्टर बाहर की पर्चियां लिख रहे हैं। चांदपुर की मीना देवी ने डॉक्टर साहब ने दो दवा बाहर से खरीदने को कहा है।

महेशपुर की गीता ने कहा कि बेटी को दिखाने आए थे। अस्पताल में दवा खत्म हो गई है बाहर से खरीदनी पड़ेगी। सीएमओ डॉ. वीबी सिंह ने कहा कि मुझे स्वास्थ्य केंद्र की इन समस्याओं की जानकारी नहीं है। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी से इस बारे में पूछताछ कर समाधान कराया जाएगा।

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