स्वामी विवेकानंद के द्वारा कही गई जीवन को परिवर्तित करने वाली अनमोल बाते

27d47d83bd289db021204746593d0388_5716a04737b8bएजेंसी/ आज कल की दुनिया में हर कोई परेशान हैं क्यूंकि कही न कही लोग आज भी भ्रमित हैं. लोग अपने अन्दर छुपी हुई शक्तियों को पहचान नही पा रहे हैं. अपने परेशानियों से घिरे हुए लोग ये भूल जाते हैं की जिन महापुरुषों नें जीवन में बड़े-बड़े काम किये हैं वो भी एक इंसान ही थे और वो इतनी उपलब्धि इसलिए हासिल कर पाए क्यूंकि उन्होंने अपने अन्दर छुपी हुई शक्तियों को पहचान लिया था यदि हम उनके बताये हुए रस्ते पर चले तो हम भी जीवन में  हर मुकाम हासिल कर सकते हैं.

ऐसे ही महान पुरुषों में से एक नाम हैं स्वामी विवेकानंद का जिन्होंने जीवन को बहुत ही सादगी से जीते हुए हर कुछ हासिल करने का रास्ता लोगो को बताया हैं तथा उनके दिए गये उपदेशों का अनुसरण करके आप भी जीवन में उचाईयों को छू सकते हैं. यहाँ हम आपको स्वामी जी द्वारा कहे हुए वाक्य बता रहे हैं जिन्हें पढ़कर आप भी अपने जीवन में परिवर्तन ला सकते हैं.

1. स्वामी जी नें कहा था कि उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये.

2. उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो , तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो , तुम तत्व  नहीं हो , ना ही शरीर हो , तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो

3. ब्रह्माण्ड कि सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं. वो हमीं हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अन्धकार है!

4. जिस तरह से विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न  धाराएँ अपना जल समुद्र में मिला देती हैं ,उसी प्रकार मनुष्य द्वारा चुना हर मार्ग, चाहे अच्छा हो या बुरा भगवान तक  जाता है.

5. किसी की निंदा ना करें. अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं.अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये.

6. कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है. ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है.अगर कोई  पाप है, तो वो यही है; ये कहना कि तुम निर्बल  हो या अन्य निर्बल हैं

7. अगर धन दूसरों की भलाई  करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है,              और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है.

8. एक शब्द में, यह आदर्श है कि तुम परमात्मा हो.

9. उस व्यक्ति ने अमरत्त्व प्राप्त कर लिया है, जो किसी  सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता.

10. हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का धयान रखिये कि आप क्या सोचते हैं. शब्द गौण हैं. विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं.

11. जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते.

12. सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा.

13. विश्व एक व्यायामशाला है  जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं.

14. इस दुनिया में सभी भेद-भाव किसी स्तर के हैं, ना कि प्रकार के, क्योंकि एकता ही सभी चीजों का रहस्य है.

15. हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा , और परमात्मा उसमे बसेंगे.

स्वामी विवेकानंद के द्वारा कही गई इन बातों का अनुसरण करके देखिये आपको अपने जीवन में बदलाव खुद ही नजर आने लगेगे.

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