कहीं कोई आपके स्मार्टफोन की जासूसी तो नहीं कर रहा है? जानें इसे पता करने के टिप्स…

आज की दुनिया पूरी तरह से तकनीक से जुड़ गई है। हमारे आधार कार्ड से लेकर हमारे बैंक अकाउंट और अगले हॉलीडे के डिटेल्स तक सभी कुछ स्मार्टफोन में सुरक्षित है। फोन अगर खो जाए तो ऐसा लगता है कि दुनिया सूनी हो गई। कहीं जाना हो तो उसके लिए एप, भूख लगी है तो खाना मंगवाने के लिए एप, कपड़े चाहिए तो शॉपिंग के लिए एप, घर चाहिए तो रेंट करने के लिए अलग एप। यानी रोटी, कपड़ा और मकान की बेसिक जरूरत तो स्मार्टफोन ने पूरी कर दी। यही कारण है कि हम उसपर जरूरत से ज्यादा निर्भर हो गए हैं।
कहीं कोई आपके स्मार्टफोन की जासूसी तो नहीं कर रहा है? जानें इसे पता करने के टिप्स...

अब जरा फर्ज कीजिए कि इसी स्मार्टफोन को कोई ट्रैक कर रहा है। जी हां, ये किसी फिल्म या किसी सीरियल का प्लॉट नहीं है बल्कि आम लोगों के साथ घटने वाली घटना है। कई बार महंगा स्मार्टफोन तो हम ले लेते हैं, लेकिन उसकी सुरक्षा को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं होती। स्मार्टफोन्स आसानी से ट्रैक भी हो सकते हैं। जरूरी नहीं कि कोई मास्टर माइंड हैकर ही ये काम कर रहा हो। थोड़ी सी टेक नॉलेज वाला इंसान भी इसे कर सकता है। आपने कई बार गूगल या फेसबुक के अकाउंट्स हैक हो जाने की खबरें सुनी होंगी। एप्स भी कई बार लोगों का डेटा चुराते हैं। याद कीजिए बाकायदा मुकेश अंबानी की कंपनी जियो पर डेटा चोरी का इल्जाम लग चुका है। पर अब समस्या ये है कि आखिर पता कैसे करें कौन ट्रैक कर रहा है कौन नहीं? तो चलिए कुछ आसान से टिप्स के बारे में बात करते हैं।

1. कॉल और मैसेज फॉर्वर्डिंग का पता लगाने वाला कोड-

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ये कोड अपने फोन में टाइप कीजिए और कॉल बटन दबाएं। ये बता देगा कि कहीं आपके कॉल, मैसेज आदि किसी और नंबर पर तो डायवर्ट नहीं हो रहे। किस तरह की कॉल फॉर्वर्डिंग हैं और कितने नंबर पर जा रही है जानकारी ये सब कुछ इस एक कोड की मदद से आपके स्मार्टफोन स्क्रीन पर दिखने लगेगा। जरूरी नहीं कि ये फीचर आपने ही एक्टिवेट किया हो। कई बार पार्टनर, माता-पिता या कोई परिवार वाला अपने करीबी को ट्रैक करने के लिए ऐसा कर देते हैं। इसके बारे में कई बार लोगों को भनक भी नहीं लगती। कई बार हैकर्स भी ऐसा कोड एक्टिवेट कर सकते हैं जिससे लोगों के कॉल्स फॉर्वर्ड हो सकते हैं। ऐसे में आप कहां रह रहे हैं, कहां जा रहे हैं, कॉल, मैसेज आदि से जुड़ी जरूरी जानकारी किसी और के फोन तक पहुंच सकती है।

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2. डेटा, सिंक्रोनाइजेशन, कॉल आदि सब कुछ अगर फॉर्वर्ड हो रहा है तो उसे जानने के लिए इस कोड का इस्तेमाल करें-

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ये कोड अपने एंड्रॉयड फोन पर डायल कीजिए और फोन में हो रहे हर तरह के रीडायरेक्शन की डिटेल्स सामने आ जाएंगी। ये कोड इसलिए बेहतर है क्योंकि अगर स्मार्टफोन के अन्य फीचर्स यानी सेंसर वगैराह की मदद से भी कोई आपको ट्रैक कर रहा है तो इसकी जानकारी मिल जाएगी। ऐसा मुमकिन है कि आपकी सारी जानकारी सेलफोन ऑपरेटर या ISP प्रोवाइटर ट्रैक कर रहा हो। इसके लिए सभी तरह की रीडायरेक्टिंग अपने फोन से बंद की जा सकती है।

3. सभी तरह की रीडायरेक्टिंग फोन से बंद करने के लिए-

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ये यूनिवर्सल कोड है अपने फोन से सभी तरह की रीडायरेक्टिंग बंद करने के लिए। बेहतर है कि इस कोड को कहीं भी रोमिंग में जाने से पहले (खास तौर पर इंटरनेशनल ट्रिप) इस्तेमाल कर लें। इससे होगा ये कि मसलन आपके कॉल्स कहीं और फॉर्वर्ड हो रहे हों तो वो बंद हो जाएंगे। ऐसे में फालतू रोमिंग के पैसे भी बचेंगे और अगर आपकी जानकारी के बिना ये कॉल फॉर्वर्डिंग हुई है तो वो भी बंद हो जाएगी।

4. फोन का IMEI नंबर जानने के लिए-

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ये भी एक यूनिवर्सल कोड है जो फोन का नंबर जानने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ये नंबर बहुत काम का है और अगर फोन खो जाए तो FIR से लेकर फोन सर्चिंग एप्स तक इसी नंबर का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, इसे किसी के साथ शेयर करना अच्छा नहीं होगा। अगर फोन खो गया है और वो स्विच ऑन होता है तो उसकी लोकेशन अपने आप नेटवर्क ऑपरेटर तक पहुंच जाएगी। अगर किसी को आपका IMEI नंबर पता होता है तो वो आपके फोन का मॉडल उसकी तकनीकी स्पेसिफिकेशन सब कुछ पता कर लेगा।

वो तरीके जो फोन की सुरक्षा का ख्याल रखेंगे-

1. सबसे पहले एंटी वायरस सॉफ्टवेयर अपडेट करें-

कोई भी फोन हो, कोई भी मॉडल हो सबसे जरूरी काम है अपने फोन में एंटी वायरस अपडेट करवाने का। फोन चाहें ios, एंड्रॉयड, विंडोज, फायरफॉक्स, लाइनक्स या किसी भी अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम कर रहा हो या कोई भी यूजर इंटरफेस हो सबसे पहले उसका एंटी वायरस सॉफ्टवेयर अपडेट करवाना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं है तो आपका डिवाइस खतरे में है। सिर्फ वायरस ही नहीं ट्रोजन (वो प्रोग्राम जो फोन में किसी जरूरी प्रोग्राम की जगह ले लेता है और फिर डेटा ट्रांसफर करने से लेकर सॉफ्टवेयर खराब करने तक का काम करते हैं।) भी फोन को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये आपके फोन के पासवर्डआदि चुरा सकते हैं।

2. विज्ञापन के जरिए ट्रैकिंग ऐसे बंद करें-

आईफोन, आईपैड, एंड्रॉयड स्मार्टफोन आदि सभी यूजर्स कहीं न कहीं इस बात से परेशान रहते हैं। विज्ञापन चाहें वेब ब्राउजर में आ रहे हों, या फिर एसएमएस के जरिए, या फिर आईफोन या एंड्रॉयड स्मार्टफोन एप्सके जरिए वो ट्रैक करने में सक्षम हो सकते हैं। इन्हें बंद करने का तरीका-

iOS यूजर्स- 

Settings >> Privacy >> Advertising >> Limit Ad Tracking

अपनी सेटिंग्स में जाकर प्राइवेसी पर क्लिक करें औऱ फिर एडवर्टाइजिंग सेक्शन में जाएं। ऐसे में कई ऑप्शन सामने आएंगे उसमें से Limit Ad Tracking विकल्प चुनें। इसी सेक्शन से Advertising Identifier जैसा विकल्प चुनकर ये देख सकते हैं कि अभी तक स्मार्टफोन में कितने एड ट्रैक कोड डले हुए हैं। इन्हें अनलिंक भी किया जा सकता है।

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एंड्रॉयड यूजर्स-

Settings >> Google >> Ads >> Opt out of ads personalization

ये विकल्प चुनेंगे तो सभी एप्स को समझ आ जाएगा कि उन्हें आपकी प्रोफाइल बनाकर पर्सनलाइज एप नहीं दिखाने हैं।

फोन को और सुरक्षित करना हो तो?

ऐसे मैसेजिंग एप्स का इस्तेमाल करें जो ज्यादा सुरक्षित हों जैसे Telegram, Chare, Wickr, Signal, हां अब Whatsapp एंड टू एंड इंस्क्रिप्शन के कारण ये पहले से ज्यादा सुरक्षित हो गया है।

कोई ऐसा प्रोग्राम फोन में न डालें जो वैरिफाई न हो। गूगल या iOS एप्स भी रेटिंग देखकर ही इंस्टॉल करें। इसी के साथ, अपने फोन को किसी ऐसे चार्जिंग प्वाइंट या कम्प्यूटर से न कनेक्ट करें जिसे जानते न हों। कई बार पब्लिक पोर्ट्स भी हैक्ड या बग्गड होते हैं।

किसी भी वेबसाइट या एप को फोन ट्रैक करने की परमीशन न दें। किसी भी हालत में ऐसा न करें ये दिक्कत खड़ी कर सकता है।

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