स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर भारी पड़ गया चायवाला

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भोपाल। नौ हजार रुपए गायब होने के मामले में एक चायवाला स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर भारी पड़ गया है। उसके खाते से पैसे गायब होने पर बैंक ने जिम्मेदारी नहीं तो चायवाला कोर्ट तक पहुंच गया। अकेलेे दम उसने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के वकील को चुप करा दिया। आखिरकार कोर्ट ने चायवाले के पक्ष में फैसला सुनाया।

मामला दिसंबर 2011 का है। शबरी नगर में रहने वाले राजेश साकरे का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की हमीदिया रोड शाखा में अकाउंट है। साकरे के अकाउंट में 20 हजार रुपए थे। 23 दिसंबर 2011 को दोपहर 2.33 बजे उन्होंने एमपी नगर के एटीएम से 10,800 रुपए निकाले। इसके बाद 25 दिसंबर को वे फिर एटीएम से पैसे निकालने गए।
उन्होंने जब कार्ड स्वैप किया तो पता चला कि अकाउंट में पैसे ही नहीं है। बैंक पहुंचकर अफसरों से शिकायत की तो उन्होंने जवाब दिया कि इसमें बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं है। यह उपभोक्ता की ही गलती है।
इसके बाद साकरे ने एसबीआई के मुंबई मुख्यालय को भी इसकी लिखित शिकायत भेजी, लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं मिला। जिसके बाद उपभोक्ता फोरम में केस दायर किया और जीत हासिल की।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर जुर्माना

पैसे की कमी होने के कारण उन्होंने अपना केस खुद लड़ने का फैसला किया और बैंक के वकील से जिरह शुरू की। बैंक का कहना था कि साकरे ने खुद ही रुपए निकाले हैं, लेकिन वह इसके पक्ष में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका। फोरम के कहने पर बैंक की ओर से सीसीटीवी फुटेज के प्रमाण भी नहीं दिए गए। इसके बाद फोरम ने बैंक को 9200 रुपए छह फीसदी ब्याज दर के साथ चुकाने का आदेश दिया। साथ ही उपभोक्ता को हुई मानसिक पीड़ा के एवज में 10 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोंका। फोरम के अध्यक्ष अखिलेश पंड्या ने 16 जून को यह आदेश दिया।

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