स्कूल में ‘भूत’ का डर ऐसा फैला कि बंद हो गया स्कूल

ghost-in-school_1461316113एजेंसी/ स्थानीय मीडिया में ख़बरें हैं कि उत्तरी मलेशिया में एक स्कूल के छात्रों और शिक्षकों को भूत का ऐसा डर सताया कि स्कूल को अस्थायी तौर पर बंद करना पड़ा। ऐसा पिछले हफ़्ते शुरू हुआ जब कोटा भारु शहर के एक स्कूल में कुछ छात्रों और शिक्षकों ने ‘अजीब सी ताक़त’ का अनुभव किया। स्कूल अधिकारियों ने स्कूल बंद कर दिया और झाड़-फूंक के लिए मौलवियों, विद्वानों और डॉक्टरों को प्रार्थना सभा में बुलाया। स्कूल दोबारा खोल दिया गया और अधिकारियों का कहना है अब चीज़ें सामान्य हो गई हैं। पर सवाल है कि आख़िर हुआ क्या था? एसकेएम पेंगकालन चेपा 2 स्कूल मलेशिया के सबसे धार्मिक शहर केलांटन में है।

पिछले सप्ताह छोटे बच्चों के एक समूह ने दावा किया कि उन्होंने एक काली छाया देखी, जो स्कूल में छिपी है। जल्दी ही और बच्चों और शिक्षकों ने भी कहा कि उन्होंने भी वही छाया देखी। एक स्थानीय न्यूज़ चैनल से एक शिक्षक ने कहा कि उन्होंने अपने ऊपर एक भारी चीज़ महसूस की। दूसरी शिक्षक ने कहा कि कोई काली छाया उनके शरीर में प्रवेश करने की कोशिश कर रही थी। सिनार हरियन अख़बार को एक छात्र ने बताया कि वह अपने हाथ में अकड़न महसूस कर रहा था और उनका दिमाग़ कहीं और था।

स्कूल के वरिष्ठ स्टाफ़ सदस्य ने बीबीसी से पुष्टि की कि क़रीब 100 लोग जिनमें ज़्यादतर छात्र हैं, इस घटना से प्रभावित हुए हैं। उनका कहना है कि उन्हें नहीं पता कि आख़िर ऐसा क्यों हुआ?

किसी भूत की मौजूदगी की बात पर वह कहती हैं कि यह जगह पुरानी है। कई बार छात्र बात नहीं मानते और चीज़ों को स्कूल के मैदान में फेंक देते हैं। उनका कहना है कि ”हो सकता है कि किसी जिन्न को चोट पहुँची हो या भूत का अपमान हुआ हो।” गुरुवार को स्कूल बंद कर दिया गया और मौलवी को क़ुरान और इबादत पढ़ने बुलाया गया। केलांटन के शिक्षा अधिकारी ने बीबीसी के सवालों का जवाब नहीं दिया।

मीडिया रिपोर्टों के आधार पर समाजशास्त्री रॉबर्ट बार्थूलोम्यू ने ईमेल से बीबीसी को बताया कि ”ऐसा सामूहिक डर एक तरह का छलावा है, जो एकदम होता है और अफ़वाह के रूप में लोगों के बीच तेज़ी से फैलता है।” ऐसे सामूहिक डर के इतिहास में कई क़िस्से मशहूर हैं। 1970 में दक्षिण पूर्व एशिया में सामूहिक भूतिया डर की कई रिपोर्ट आती थीं। बार्थूलोम्यू कहते हैं कि मलेशिया के ग्रामीण इलाक़ों में ऐसी बातें सामान्य हैं। वह कहते हैं कि मलेशियाई शंकालु होते हैं और भूतों का प्रभाव मानते हैं। बार्थूलोम्यू ने उन मलेशियाई लड़कियों पर शोध किया है, जो हॉस्टल में रहती हैं।

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