सोमवती अमावस्या पर हरिद्वार और ऋषिकेश में उमड़ी भक्तों की भीड़

सोमवती अमावस्याहरिद्वार : आज सोमवती अमावस्या है। आज इस पर्व पर हरिद्वार और ऋषिकेश के गंगा घाटों पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। श्रद्धालुओं की भीड़ और सुबह से ही गंगा घाटों पर स्नान करने वालों का तांता लगा रहा।

देश विदेश से ऋषिकेश पहुंचे श्रद्धालुओं में कई श्रद्धालु अपने पूरे परिवार के साथ गंगा जी में पूण्य की डूबकी लगाई और पुण्य के भागीदार बने इस बार पहले से ही सोमवती अमावश्या के स्नान में त्रिवेणी घाट में श्रद्धालुओं की संख्या पहले से काफी ज्यादा होने की सम्भावना जताई जा रही थी, जिसे लेकर कुम्भ मेला प्रशासन और पुलिस द्वारा भी इस बार चाक चैबन्द व्यवस्था की गई थी।

पहले स्नान की तुलना में सुरक्षा व्यवस्था जहां दोगुनी थी, वहीं बस अड्डों और महत्वपूर्ण स्थानों पर लगातार चैकिन अभियान दिन भर चलता रहा, तो घाटों महिलाओं के कपड़े बदलने के लिए अलग से स्थान बनाए गए हैं।

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स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पूजा अर्चना की। साथ ही गरीबों को दान भी दिया। अमावस्या पर गंगा स्नान करना अच्छा माना जाता है। सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान, दान एवं देव/पितृ तर्पण करने का सबसे बड़ा महत्व है। इस दिन ऐसा करने से आपका जो भी पाप होता है वो धुला जाता है

इस दिन की अमावस्या अधिक महत्वपूर्ण इसलिए भी है कि पुरे वर्ष भर जब मनुष्य पितृ तर्पण करता है तो जिस कुशा का प्रयोग करता है उसे ग्रहण करने का दिन भाद्रपद अमावस्या होती है। यदि वह अमावस्या सोमवार की पड़े तो अधिक पुण्यदायी मानी जाती है। क्योंकि सोमवार को पृथ्वी पर सोमांश प्राप्त होता है।

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धर्मनगरी हरिद्वार के चंडी देवी, मंसा देवी, चंडीघाट स्थित नीलेश्वर महादेव, दछिण काली मंदिर, कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर, बिल्वकेश्वर मंदिर, दारिद्र भंजन महादेव मंदिर, तिलभांड़ेश्वर महादेव मंदिर सहित अन्य मंदिरों पर गंगास्नान के लिए श्रद्धालुओं की लंबी तदात लगनी शुरू हो गयी थी।

गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने गायत्री मंत्र व भगवान शंकर के मंत्रों को जपते हुए भगवान शिव का जलाभिषेक किया। धतूरा, बेलपत्र, भांग, दूध, फल-फूल सहित शिव को प्रिय अन्य वस्तुएं लेकर पहुंचे भक्तों ने हर हर महादेव के जयकारे लगाए और भगवान शिव का जलाभिषेक किया।

पंडित शक्तिधर शर्मा शास्त्री बताते हैं कि अमावस्या पर कुशा ग्रहण करते समय उत्तर पूर्व की और मुख करना व दाहिने हाथ से दिव्तीय पहर में कुशोत्पाटन एवं संग्रह करना चाहिए। गंगा स्नान का क्रम देर शाम तक जारी रहेगा।

ऋषिकेश में भी स्नान और दान के लिए सुबह से ही गंगा घाट में श्रद्धालु जुटने लगे। प्रमुख त्रिवेणी घाट सहित आसपास के मुनिकीरेती, लक्ष्मणझूला व स्वर्गश्रम क्षेत्र के गंगा घाटों पर भी सोमवती अमावस्या के स्नान को लेकर भीड़ उमड़ी रही। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के पश्चात दान पुण्य भी किए।

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