सोने से लगता है डर, नही आएंगे डरावने सपने अपनाएं ये उपाय

सपनेसपने तो हम सब देखते हैं। कभी बंद आंखों से तो कभी खुली आंखों से। हालांकि दोनों में बहुत ज्‍यादा फर्क होता है और कभी-कभी तो जमीन आसमान का अंतर होता है । खुली आंखों से देखे गए सपने वो होते है जिन्‍हें हम हर हाल में पूरा करना चाहते हैं। ये वो सपने होते हैं जो हमारी चाहत होते हैं। ये वो ख्‍वाब होते हैं जिन्‍हें  हम हकीकत बनाना चाहतें है। वहीं बंद आंखो से देखे गए सपने अर्थात् नींद में देखे गए सपने। सोते समय हम अक्‍सर वहीं देखते हैं जिस बारे में हम ज्‍यादा सोचते हैं। लेकिन जरूरी नहीं हमेशा ऐसा ही हो।

लेकिन कई बार हम नींद से अचानक डर के उठ जाते हैं, क्‍योंकि हमने कुछ ऐसा देख लिया होता है जिसे हम कभी नहीं चाहते कि सच हो जाए। ये डर हमे इतना सताने लगता है कि हमारी उलझन बढ़ने लगती है। ये सपने आंखें बंद करते ही बार-बार आंखों के सामने आने लगते हैं। इनका सीधा संबंध हमारे भविष्‍य से होता है। ये हमें संकेत देते है कि ऐसा कुछ हमारे आने वाले कल में घटित हो सकता है।

इनके कारण शायद ही आजतक कोई जान पाया हो। हालांकि कई लोग इस अबूझ पहेली को समझने का दावा भी करते है। लेकिन विज्ञान के नजरिए से देखा जाए तो ये दिमाग में हो रहा ‘केमिकल इंबैलेंस’ होता है। विज्ञान को माने या दिल को सच तो यही है कि इनसे हमारी चिंता और बढ़ जाती है। और हम परेशान हो जाते हैं।

आज हम आपके लिए कुछ उपाय लाय हैं जिससे बुरे सपनों और भविष्‍य में पड़ रहें उनके दुष्‍प्रभाव से छुटकारा मिल जायेगा।

जानिए कुछ खास उपाय-

  • बुरा सपना देखने के बाद क‌िसी को भी इसके बारे में न बताएं।
  • सुबह नहाने के बाद सबसे पहले भगवान शिव का जलाभ‌िषेक करें।
  • ऐसे सपने आने पर नींद खुलते ही तुरंत घर में लगे तुलसी के पौधे के पास जाएं। अपने पूरे सपने को पौधे से कह दें। इसके बाद भगवान से मनाएं कि सपना सच न हो।
  • ऐसे सपने आने पर तुरंत ईष्ट देवता याद करके सो जाएं।
  • अच्छे सपने आने पर जागने के बाद दुबारा से नहीं सोना चाह‌िए।
  • ऐसे सपनों से बचने का अचूक उपाय है, महामृत्यंजय मंत्र का जाप या गायत्री मंत्र का जाप।
  • ऐसे में तुरंत हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसे सपनों के बाद जगे नहीं रहना चाहिए,वरना प्रभाव शक्तिशाली हो जाता है।
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