पीएम मोदी दिलाएंगे भारत का खोया स्वाभिमान, देश का फिर से ‘सोने की चिड़िया’ बनना तय

सोने की चिड़ियानई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को एक बार फिर से सोने की चिड़िया बनाने का मन बना लिया है। दरअसल, सरकार 15 सालों से बंद औपनिवेशिक युग की सोने की खानों को फिर से शुरू करने की योजना बना रही है। इन खानों में करीब 120 अरब रुपये का डिपॉजिट्स बचा है। दरअसल सरकार सोने के आयात को कम करना चाह रही है। भारत दुनिया में चीन के बाद सोने का दूसरा सबसे बड़ा आयातक है।

सरकार द्वारा संचालित मिनरल एक्सपलोरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने डिपॉजिट्स के सही आकलन के लिए कर्नाटक के कोलार गोल्ड फील्ड्स की स्टडी शुरू कर दी है। यह जानकारी अधिकारियों से मिली है। पहले कोलार गोल्ड फील्ड्स का नियंत्रण भारत गोल्ड माइंस लि. के जिम्मे था।

सरकार ने एसबीआई कैपिटल्स को इसकी स्टडी का काम सौंपा है, जो यह भी पता लगाएगा कि वर्करों और अथॉरिटीज का कंपनी पर कितना बकाया है। यह जानकारी इस प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों ने दी है।

दुनिया में सबसे ज्यादा सोना आयात करने में चीन के बाद भारत का नंबर आता है। कच्चे तेल के बाद भारत जिस चीज का सबसे ज्यादा आयात करता है, वह सोना है। भारत विदेश से सोना खरीदने पर एक साल में करीब 200 अरब रुपये खर्च करता है।

सोना भारत में लोगों के लिए घरेलू बचत का मुख्य रास्ता है जिसमें एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लाखों लोग निवेश करते हैं। इंसान और भगवान दोनों को गिफ्ट देने के लिए सोने की जूलरी को सर्वोत्तम माना जाता है।

फेडरल माइंस मिनिस्ट्री में तैनात वरिष्ठ अधिकारी बलविंदर कुमार ने बताया, कि कोलार माइंस के चालू होने से सरकार को अपने आयात बिल में कटौती करने में काफी मदद मिलेगी।

भारत हर साल करीब 900 से 1000 टन सोने का आयात करता है। सोने का घरेलू उत्पादन बहुत कम 2 से 3 टन प्रति वर्ष है।

 

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