सॉफ्ट पॉर्नोग्राफी मामले में शर्लिन चोपड़ा ने किया पूनम पांडे पर तंज, कहा- ‘उन्होंने ये देश छोड़कर भागने की कोशिश नहीं की’
शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा पर पोर्न वीडियो शूट करने और उन्हें OTT प्लेटफार्म के जरिए रिलीज किए जाने जैसे कई संगीन आरोप लगे हैं। बीते दिनों मॉडल पूनम पांडे का इस मामले पर बयान आया था जिसके बाद अब प्लेबॉय मैगजीन की कवर गर्ल रह चुकीं बोल्ड एक्ट्रेस शर्लिन चोपड़ा ने भी इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। पूनम ने अपने वीडियो में कहा था, ‘इस समय मेरा दिल शिल्पा शेट्टी और उनके बच्चों के लिए है। मैं सोच भी नहीं सकती कि वह किस दौर से गुजर रही होगी। इसलिए, मैं अपने आघात को उजागर करने के लिए इस अवसर का उपयोग करने से इनकार करता हूं’।
अब शर्लिन ने वीडियो में अपना बयान देने के साथ-साथ पूनम पांडे के स्टेटमेंट पर भी जवाब दिया है। शर्लिन ने तंज कसने के अंदाज में कहा है कि उन्होंने देश छोड़कर भागने की कोशिश नहीं की।
वीडियो में शर्लिन चोपड़ा ने कहा, ‘नमस्कार दोस्तों, पिछले कुछ दिनों से कई पत्रकार मुझे कॉल कर रहे हैं, मैसेज कर रहे हैं कि इस विषय पर मेरा क्या कहना है। आप सबको मैं बता दूं कि महाराष्ट्र सायबर सेल की इनवेस्टिगेटिव टीम को जिस व्यक्ति ने सबसे पहले अपना बयान दिया वो कोई और नहीं, बल्कि मैं हूं। जिस व्यक्ति ने महाराष्ट्र सायबर सेल को आर्मस प्राइम के बारे में जानकारी दी वो मैं हूं। कहने का तात्पर्य ये है कि जब मुझे समन नोटिस भेजे गए थे महाराष्ट्र सायबर सेल के द्वारा, तो औरों की तरह… जो कहते हैं कि माय हार्ट गोज़ आउट फॉर शिल्पा एंड हर किड्स। मैं अंडरग्राउंड नहीं हुई थी। लापता नहीं हुई। गायब नहीं हुई।’ शर्लिन ने कहा कि ‘उन्होंने ये शहर या देश छोड़कर भागने की कोशिश नहीं की। मार्च 2021 में सायबर सेल के ऑफिस में जाकर अपना निष्पक्ष बयान दिया। दोस्तों इस विषय पर कहने को बहुत कुछ है लेकिन क्योंकि ये मामला अभी कोर्ट के अधीन है इसलिए इस पर टिप्पणी करना मेरे लिए अनुचित होगा। इसलिए मैं आप सभी से अपील करती हूं कि वो महाराष्ट्र सायबर सेल से संपर्क करें। और हो सके तो उनसे मेरे बयान के कुछ हिस्से शेयर करने की विनती करें।’
बता दे इस मामले में राज कुंद्रा सहित कम से कम 11 लोगों को पोर्नोग्राफी केस से संबंधित गिरफ्तार किया गया है। कुंद्रा पर आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 34 (सामान्य इरादा), 292 और 293 (अश्लील और अश्लील विज्ञापनों और प्रदर्शनों से संबंधित), और आईटी अधिनियम की संबंधित धाराओं और महिलाओं का अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।