सैर नवाबों के शहर की : घूमिए और जानिए यहां की इमारतों की नज़ाकत

नवाबी शहरलखनऊ। उत्तरप्रदेश की जान उसकी राजधानी है जहां के हर गली कूचे इमारतों से और खाने पीने से नवाबों की तहज़ीब की महक आती है। लखनऊ का नाम आते ही सबसे पहले दिमाग में वहां की “पहले आप” वाली नज़ाकत का ख्याल आता है। लखनऊ लोगों के घूमने के लिए सबसे बेस्ट ऑप्शन है। लखनऊ की धड़कन उसकी कविताऐं, मुशायरे, गज़लें हैं जिन्हें सुनने के लिए लोग दूर-दूर से यहां आते हैं। इस नवाबी शहर को जाना जाता है यहां के लजीज़ खाने और यहां की बेहतरीन कलाकारी वाली ईमारतों की वज़ह से।

आइए आज हम आपको ले चलते है इस नज़ाकत भरे शहर की शैर पर और जानते है कि क्या है आखिर यहां की खासियत।

बड़ा ईमामबाड़ा

बड़ा ईमामबाड़ा यहां की शान है। इसको लखनऊ के चौथे नवाब आसिफ उद दौला ने 1783 में बनवाया था जिसकी वजह से इसका असली नाम आसिफ इमामबाड़ा भी है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसकी बनावट जो कि मुगल और राजपूत वास्तुकला का मिश्रण है। ये इमारत बिना किसी लोहे की सरिया के बनी हुई है और इसकी छत पर कोई सपोर्ट नहीं दिया गया है। इमामबाड़ा जाना जाता है यहॉ की भूलभलैया की वजह से जहॉ बिना गाईड के जाना खतरे से खाली नहीं है। यहॉ आपको वो नल भी नज़र आएगा जिसे गदर फ़िल्म में सनी देओल ने उखाड़ा था।

छत्तर मंजिल

छत्तर मंजिल को छाता पैलेस भी कहा जाता है क्योंकि इसमें बना गुंबद छातानुमा आकार का है। इस पैलेस का इतिहास इसलिए इतना रोमांचक है क्योंकि इस महल को कई शासकों ने अलग अलग समय पर बनवाया है। यहां भूमिगत हिस्सों को तहखाने के नाम से जाना जाता है। इन तह़खानों को गोमती नदी के पानी में बनाया गया है जिसके कारण यह भंयकर गर्मियों के दौरान भी ठंडाते हैं। यह पैलेस पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है और साथ ही साथ कई प्रमुख फोटोग्राफर जैसे – सैमुअल बॉर्न, डारोगाह उब्बारस अली, फेलिस बीओट और थॉमस रस्ट  भी इन जगहों पर की गई फोटोग्राफी के लिए ही प्रसिद्ध हुए थे।

फिरंगी चौक

फिरंगी चौक, लखनऊ में विक्टोरिया रोड और चौक के बीच में है। इसके नाम के पीछे एक तथ्य छुपा है, कहा जाता है कि यह चौक यूरोपियन लोगों के कब्जे में था जिन्हे फिरंगी कहा जाता था और इसी कारण इसे फिरंगी चौक के नाम से जाना जाता है। महात्मा गांधी ने भी अपना कुछ समय फिरंगी महल में बिताया है और जिस कमरे में वह ठहरे थे, वहां उनसे जुड़ी यादों को सजाकर रखा गया है। फिरंगी महल का इस्लामी संस्कृति और परंपरा को बनाए रखने में योगदान रहा है।

 

LIVE TV