युवक को सेना जीप में बांधने पर बुरी फंसी आर्मी यूनिट, अच्छाई की या बुराई… अब इसपर मिलेगी सजा
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री अरुण जेटली सोमवार को सेना कमांडरों की बैठक में इस मुद्दे पर बात कर सकते हैं। सरकार ने अधिकारी के इस कदम की तारीफ की है। सरकार इस विवादित फैसले को असाधारण परिस्थिति में उठाया हुआ कदम बता रही है, जिसमें यूनिट हेड को मुश्किल फैसला करना पड़ा। बता दें कि सेना के एक कमांडिंग ऑफिसर ने जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों, अर्द्धसैनिक बलों के जवानों और सेना की यूनिट की सुरक्षा के लिए भीड़भाड़ वाले इलाके से गुजरने के दौरान एक व्यक्ति को जीप के आगे बंधवा दिया था।
सेना दलदल में फंस रही
ऐसा इसलिए किया ताकि गाड़ियों के काफिले को पत्थरबाजी और बिना किसी फायरिंग के गुजारा जा सके। जीप पर बांधे गए शख्श फारूक अहमद डार (26) को सेना कथित पत्थरबाज बता रही है। हालांकि डार ने खुद को शॉल बुनकर बताया है। सरकार ने कश्मीर में पथराव से बचने के लिए एक व्यक्ति को कथित तौर पर मानव ढाल के रूप में सुरक्षाबलों की जीप पर बांधने के फैसला मामले में सेना के अधिकारी का साथ देने का फैसला किया है।
सरकार ने 9 अप्रैल की इस घटना पर सेना की जांच रिपोर्ट के बाद अधिकारी का साथ देने का फैसला किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारी ने मुश्किल परिस्थिति से बचने और जवानों तथा अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अनिच्छा से यह फैसला किया था।
Here's the video as well. A warning can be heard saying stone pelters will meet this fate. This requires an urgent inquiry & follow up NOW!! pic.twitter.com/qj1rnCVazn
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) April 14, 2017
इस यूनिट में करीब एक दर्जन राज्य सरकार कर्मचारी थे। इसके अलावा ITBP के 9-10 जवान, जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो जवान और एक बस चालक शामिल था। जिस रास्ते से इस काफिले को गुजरना था वहां पत्थरबाजों की भीड़ थी और वे छतों पर खड़े थे।
पीएमओ में राज्यमंत्री उधमपुर से सांसद जितेंद्र सिंह ने एक समाचारपत्र को बताया कि सरकार का मानना है कि सेना को राजनीतिक निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने घाटी में कश्मीरी नेताओं को आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ये लोग नैतिकता की बलि चढ़ा चुके हैं।
आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले अपराधियों की आलोचना करने के बजाय ये नेता सेना के जवानों को सॉफ्ट टारगेट बना रहे हैं। सेना ने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को रोकना मुश्किल था क्योंकि यूनिट को सैकड़ों प्रदर्शनकारी घेरे हुए थे और वे हिंसा पर उतारू थे। स्थिति बिगड़ने पर उस व्यक्ति को गाड़ी के आगे बांध दिया गया।
गौरतलब है कि कश्मीर में पथराव से बचने के लिए एक व्यक्ति को कथित तौर पर मानव ढाल के रूप में सेना की जीप पर बांधने वाला विडियो को जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने जारी किया था। विडियो के सामने आने के बाद मानवाधिकारवादी संगठन और तमाम राजनीतिक दल इस कदम की आलोचना कर रहे हैं। सीएम महबूबा मुफ्ती ने भी इस मामले में पुलिस से रिपोर्ट मांगी है।