सेना प्रमुख ने कहा, हिमस्खलन में बढ़ोतरी और जलवायु परिवर्तन के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार

नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने रविवार को कहा कि हिमस्खलन में बढ़ोतरी के लिए जलवायु परिवर्तन और पाकिस्तान से होने वाली भारी गोलाबारी जिम्मेदार है। हिमस्खलन में बीते सप्ताह से 15 जवानों की जान जा चुकी है। सेना प्रमुख ने हिमस्खलन में शहीद हुए मेजर अमित सागर के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद यह बात कही। जम्मू एवं कश्मीर में बुधवार को गुरेज सेक्टर में हिमस्खलन में मेजर अमित सागर शहीद हो गए थे।

सेना प्रमुख ने कहा, “संघर्ष विराम का उल्लंघन और पाकिस्तानी जवानों द्वारा भारी हथियारों के इस्तेमाल से मिट्टी ढीली हो रही है। इससे भूस्खलन का खतरा पैदा हो रहा है। संघर्ष विराम का उल्लंघन बहुत ज्यादा हो रहा है और भारी हथियारों का इस्तेमाल भी काफी किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा, “गलोबल वार्मिग से भी ग्लेशियरों में दरारें बढ़ रही हैं।”

उन्होंने कहा कि हिमस्खलन की खबरें उन इलाकों से भी आ रही हैं, जहां अतीत में इस तरह की घटनाएं नहीं हुई हैं।

जनरल रावत ने कहा कि सैनिकों को हिमस्खलन के खतरे के बावजूद घुसपैठ रोकने के लिए कई जगहों पर तैनात किया जाता है।

उन्होंने कहा, “जम्मू एवं कश्मीर में जिस तरह का मौसम है, इसमें सैनिकों को आतंकवादियों और घुसपैठियों का मुकाबला करने के लिए तैनात किया गया है। वे प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद अपना ड्यूटी कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मेजर अमित सागर एक उदाहरण हैं। उन्होंने इलाके की कठिन परिस्थितियों को जानकर भी स्वेच्छा से सेवा की।”

सेना प्रमुख ने कहा कि शहीद सैनिकों के शव मौसम के कारण अभी भी जम्मू एवं कश्मीर में ही हैं। लेकिन, उन्हें नीचे लाए जाने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

रावत ने कहा, “मैं जम्मू एवं कश्मीर में हिमस्खलन से प्रभावित जवानों के परिवार को भरोसा देना चाहता हूं कि हम उनके साथ हैं। ”

उन्होंने कहा कि सेना हिमस्खलन की संभावना वाले स्थानों से जवानों को हटा लेती है।

उन्होंने कहा, “हम हिमपात और हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान के साथ हिमस्खलन वाले स्थानों का पता लगाने के लिए कार्य कर रहे हैं, जिससे हम बेहतर तैयारी कर सकें और खतरे की दशा में सैनिकों को स्थानांतरित कर सकें।”

बीते कुछ दिनों में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास एक सैन्य चौकी और एक गश्ती दल के हिमस्खलन की चपेट में आने से 15 जवान शहीद हो गए हैं।

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