जंगली जानवरों को बचाने के लिए अब सेटेलाइट कॉलर

सेटेलाइट कॉलररायपुर। छत्तीसगढ़ में वन्य प्राणियों की रक्षा और जंगलों में वन्य प्राणियों से जन और पशु हानि रोकने के लिए हाथियों, तेंदुओं और भालूओं को सेटेलाइट कॉलर पहनाकर जंगलों में उनके लिए जीपीएस आधारित ट्रैकिंग प्रणाली विकसित की जाएगी।

सेटेलाइट कॉलर पर काम करने के निर्देश

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपने निवास पर आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य वन्य जीव बोर्ड की आठवीं बैठक में इस परियोजना को अपनी सैद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए परियोजना पर तेजी से काम करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए सभी तैयारियां पूर्ण करके अगले छह माह में काम प्रारंभ कर दिया जाए। मुख्यमंत्री ने वन संपदा की रक्षा और कीमती लकड़ी की चोरी रोकने के लिए जंगलों में चिन्हित क्षेत्रों में विशेष रक्षा दस्ते तैनात करने और इस संबंध में सूचनाओं के त्वरित संप्रेषण के लिए हेल्प लाइन नंबर आधारित केंद्रीकृत प्रणाली तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि इस नंबर का उपयोग सूचना देने के लिए वन क्षेत्रों के लोग भी कर सकेंगें। जंगलों की रक्षा के लिए प्रदेश के सीमावर्ती इलाके में इस योजना पर काम किया जाना चाहिए।

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