सेंट्रल जेल में करोड़ों के गबन की एसआईटी जांच, आधा दर्जन अभियंताओं पर गाज गिरना तय

REPORT- KASI NATH/VARANASI

वाराणसी के शिवपुर केंद्रीय कारागार में निर्माणाधीन बैरक, आवास, चहारदीवारी में करोड़ों रुपये के गबन की एसआईटी जांच शुरू हो गई है।

शासन ने एडिशनल एसपी अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम गठित की है। टीम गठित होते ही एसआईटी ने कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम से प्रोजेक्ट की फाइल तलब की है।

करोड़ों का घोटाला

एसआईटी के जांच के बाद राजकीय निर्माण निगम के आधा दर्जन अभियंताओं पर गाज गिरना तय है।

क्या है पूरा मामला हम आपको विस्तार से बताते हैं। वर्ष 2011 से केंद्रीय कारागार में 9.86 करोड़ से 2500 मीटर चहारदीवारी, 6.78 करोड़ से 450 बैरक, 5.16 करोड़ से टू बीएचके के 45 आवास का निर्माण चल रहा है।

कार्यदायी एजेंसी को यह कार्य 2014 में पूरा करना था लेकिन 2015 तक चहारदीवारी का पूरा पैसा खर्च करने के बावजूद भी केवल 1000 मीटर ही चहारदीवारी बनी।

आगे के निर्माण के लिए बजट की मांग की गई। शासन ने घालमेल की आशंका में मई 2016 में विभागीय जांच का निर्देश दिया। जांच में करोड़ों के गबन का मामला सामने आया।

जांच में पाया गया कि 450 बैरकों में केवल 270 ही हैंडओवर किए गए हैं। 120 का ढांचा खड़ा है। जबकि 60 का निर्माण ही शुरू नहीं हुआ है। कर्मचारियों के लिए आवास भवन तैयार है, लेकिन अब भी काम शेष है।

विभागीय जांच रिपोर्ट से असंतुष्ट गृह विभाग ने हफ्ते भर पहले एसआईटी गठित कर जांच शुरू कराई गई है।

एसआईटी ने प्रोजेक्ट से जुड़ी सभी फाइलें तलब की है, जिन्हें जल्द ही भेज दिया जाएगा। प्रोजेक्ट मैनेजर ने राजकीय निर्माण निगम तत्कालीन प्रोजेक्ट मैनेजर, सहायक अभियंता सहित पांच लोगों के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।

वर्तमान में इसमें से एक की मौत हो चुकी है। वाराणसी में शिवपुर सेंट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक जेल ने इस घोटाले की पुष्टि करते हुए बताया कि बैरक , पाठशाला, जेल की मुख्य चहारदीवारी और आवास के लिए फंड जारी हुए थे लेकिन 2 वर्ष की मियाद पूरी होने के बाद भी 2019 तक यानी मियाद पूरी होने के बाद लगभग 6 वर्ष बाद भी कार्य पूरा नही हुआ और बारबार revise estimate शासन को भेजा जाता रहा।

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केंद्रीय कारागार में रविवार को जांच करने डीएम सुरेन्द्र सिंह पहुंचे तो उनके सामने भी राजकीय निर्माण निगम की ओर से कराए जा रहे चहारदीवारी, बैरक व आवास निर्माण में गड़बड़ी का मामला सामने आया। डीएम ने बीते सोमवार को राजकीय निर्माण निगम से प्रोजेक्ट की पूरी फाइल मंगाई है। शासन में पत्र लिखकर गबन के करोड़ों रुपयों की रिकवरी भी कराई जाएगी।

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