सुमेरपुर बस स्टैंड पर साफ-सफाई का अभाव, खुलेआम स्वच्छ भारत अभियान की उड़ाई जा रही धज्जियां

सुमेरपुर। स्थानीय स्वामी विवेकानंद बस स्टैंड पर स्वच्छ भारत अभियान की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। एक तरफ तो सरकार स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर लाखों करोड़ों के बजट को व्यय करने का दावा करती है, सफाई अभियान को लेकर ढोल पीटे जा रहे हैं दौड़ में खुद को बेहतर बनाने की दावे कर रही है नगर में बस स्टैंड ,चौराया ,उद्यानों व नगर के मुख्य मार्गो पर पर बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए है उसके माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता है।

सुमेरपुर बस स्टैंड

पर इन दिनों नगर पालिका के सफाई मामले को देखा जाए तो नगर पालिका खुद बीमार हैं। वहीं दूसरी तरफ वास्तविकता कुछ और ही है, मुख्यालय की स्थिति दावो से कुछ भिन्न है। कहे तो सफाई के नाम पर आज भी स्थानीय लोग और स्थानीय प्रशासनिक अमला अनजान है। सुमेरपुर स्वामी विवेकानंद रोडवेज बस स्टैंड परिसर में पुरुष- महिला सुलभ शौचालय बने हुए हैं। लेकिन पर्याप्त सफाई के अभाव में पूरे बस स्टैंड परिसर पर गंदगी का साम्राज्य नजर आता है।

बस स्टैंड पर बने सुलभ शौचालय में गंदगी पसरी होने के चलते यात्री व राहगीर मूत्रालय के पास दीवार पर मूत्र त्याग करते हैं जिससे वातावरण दुर्गंधमय हो रहा है। परिसर में गंदगी पसरी होने से मच्छरों की भरमार है। बस स्टैंड पर निर्मित शौचालय की साफ सफाई नहीं होने से लोगों को मजबूरन खुले में शौच जाना पड़ रहा है, बस स्टैंड परिसर पर गंदगी का साम्राज्य नजर आता है । शौचालयों में शौच जाना तो अलग बात है, लेकिन पास खड़े रहना या वहां से निकलना बड़ी मुश्किल की बात है । शौचालय में जमा गंदगी की सुध लेने वाला कोई नहीं है ।

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बस स्टैंड पर महिला यात्री बसों का इंतजार करते बैठी रहती है। ऐसे में उनके सामने ही दीवार पर पेशाब करने से महिलाएं खुद को शर्मिंदा महसूस करती है। इतना ही नहीं महिलाओं की सुविधाओं के लिए भी पुख्ता इंतजाम नहीं है। भोर के समय हालात और भी विकट एवं बदतर हो जाते हैं। अलसुबह ही लोग बस स्टैंड की दीवार के पास शौच करने से भी पीछे नहीं रहते नहीं है। शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं नागरिकों ने कई बार नगर पालिका को अवगत कराया लेकिन साफ सफाई व्यवस्था को लेकर नगरपालिका की और से जानबूझकर लापरवाही बरती जा रही है । दुर्भाग्य की बात है की शौचालय के हालात देखकर लघुशंका निवारण के लिए खुले स्थान का उपयोग कर रहे हैं ।

पुलिस प्रशासन की कानून व्यवस्था भी धोती नजर आ रही है वहां पर चौकी बंद होने से रात को नहीं पर शराबियों के दिन में हौसले भी बुलंद हैं और सार्वजनिक बस स्टैंड शराबियों का अड्डा बन गया है ।

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