सुप्रीम कोर्ट पहुंचा Pegasus मामला, एसआईटी द्वारा जांच और सॉफ्टवेयर की खरीद पर रोक की मांग

पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, राजनेताओं और अन्य लोगों पर इजरायली स्पाइवेयर पेगासस का उपयोग कर सरकारी एजेंसियों द्वारा कथित तौर पर जासूसी करने की रिपोर्ट में एसआईटी द्वारा अदालत की निगरानी में जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई है। साथ ही भारत में पेगासस की खरीद पर रोक लगाने की अपील की गई है। 

 वरिष्ठ वकील एमएल शर्मा द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि पेगासस का उपयोग न केवल बातचीत पर नजर रखता है बल्कि किसी के जीवन की संपूर्ण डिजिटल छाप तक पहुंचने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि यह न केवल फोन के मालिक को हैक किया गया है बल्कि उसके संपर्क में आने वाले सभी लोगों को असहाय बना देता है।

याचिका, जो आने वाले दिनों में सुनवाई के लिए आने की संभावना है, में कहा गया है कि खुलासे के राष्ट्रीय सुरक्षा निहितार्थ “भारी” थे क्योंकि निगरानी प्रौद्योगिकी विक्रेताओं की “विस्फोटक वृद्धि” एक वैश्विक सुरक्षा और मानवाधिकार समस्या है।

बता दे पेगासस जासूसी मामले को लेकर देश में विपक्षी नेता मोदी सरकार पर हमलावर हैं। बुधवार को संसद में इस मामले पर जोरदार बहस हुई। कांग्रेस संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग कर रही है। वहीं अन्य विपक्षी पार्टियां सरकार से सफाई मांग रही है। हालांकि, सरकार इस जासूसी मामले को पहले ही खारिज कर चुकी है। 

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