सीमा पूनिया ने जीता स्‍वर्ण पदक, रियो ओलंपिक का बनेंगी हिस्‍सा

सीमा पूनियामेरठ। वर्ष 2015 में इंचियोन में आयोजित एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक हासिल करने वाली सीमा पूनिया ने रविवार को एक और उपलब्धि अपने खाते में दर्ज करा ली। कैलिफोर्निया में पेट यंग थ्रोअर क्लासिक इवेंट में सीमा ने 62.62 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके साथ ही उन्होंने रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है।

सीमा पूनिया ने पहले भी जीता है स्‍वर्ण

बत्तीस वर्षीय सीमा ने हार्टनेल कालेज थ्रोअर्स परिसर में सत्र के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास 62.62 मीटर से रियो खेलों के क्वालीफिकेशन मार्क 61.00 से बेहतर प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता और इस प्रक्रिया में उन्होंने अमेरिका की 2008 ओलंपिक चक्का फेंक चैंपियन स्टेफनी ब्राउन-ट्रैफटन को पीछे छोड़ दिया।

इस तरह सीमा अपने तीसरे ओलंपिक खेलों में भाग लेंगी। उन्होंने इससे पहले 2004 और 2012 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था लेकिन दोनों ही मौकों पर वह क्वालीफिकेशन राउंड से आगे बढ़ने में असफल रही थीं। सीमा ‘टारगेट ओलंपिक पोडियम’ योजना के अंतर्गत खेल मंत्रालय द्वारा मुहैया कराए जा रहे कोष से अमेरिका में ट्रेनिंग कर रही हैं।

इस एथलीट ने 61.03 मीटर के थ्रो से चीन के ग्वांग्झू में 2014 एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में 61.61 मीटर के प्रयास से रजत पदक हासिल किया था। इनका  का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 64.84 मीटर है जो उन्होंने 2004 में किया था। उन्होंने 2006 मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेलों में रजत के अलावा 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में कांसा अपने नाम किया था। वे करिअर में 10 बार 61.00 मी से ऊपर का प्रयास कर चुकी हैं।

सीमा का लक्ष्य ओलंपिक में गोल्ड मेडल हासिल करना है। सीमा पूनिया मूल रूप से हरियाणा के गांव खेवड़ की निवासी हैं। उनकी शादी सकौती टांडा गांव निवासी अंकुश पूनिया से हुई थी।सीमा के रियो के लिए  क्वालीफाई होने पर परिवार में जश्र मनाया गया। उनके ससुर तेजपाल सिंह, सास राजकुमारी, जेठ अनुज, जेठानी आस्था, ननद प्रियंका, ननदोई सोनू ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जताई। सभी ने फोन पर सीमा पूनिया को बधाई भी दी।

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