सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक आलोक वर्मा से अधिकार वापस लेने के सरकार के फैसले के खिलाफ वर्मा और एनजीओ कॉमन काज की याचिका पर गुरुवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।

सरकार ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच भ्रष्टाचार के आरोप-प्रत्यारोपों को लेकर वर्मा व अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया था।

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जन गोगोई ने नरीमन से कहा, ‘यदि कोई समस्या है तो क्या उच्चतम न्यायालय एक कार्यवाहक निदेशक को नियुक्त कर सकती है?’ इसपर उन्होंने कहा, ‘हां सर्वोच्च न्यायालय ऐसा कर सकती है क्योंकि संविधान का अंतिम मध्यस्थ न्यायालय है।’ सीवीसी ने न्यायालय को बताया कि सीवीसी ने जांच शुरू की लेकिन सीबीआई निदेशाक आलोक वर्मा ने महीनों तक दस्तावेज नहीं दिए।

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विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने न्यायालय से कहा, ‘निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ सीवीसी जांच को सरकार तर्कपूर्ण अंजाम तक लेकर जाए।’ अस्थाना के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, ‘इस मामले में व्हिसल ब्लोवर रहे विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के साथ भी सरकार ने वैसा ही व्यवहार किया।

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