सीएम योगी की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही, अगर होता ऐसा तो न बचती जान

सीएम योगी की सुरक्षालखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों खराब एंबुलेंस को हरी झंडी दिखवाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि जीवीके ईएमआरआई कंपनी ने इस बार सीएम योगी की सुरक्षा से ही बड़ा खिलवाड़ कर दिया। सीएम की फ्लीट के लिए तैयार की गई एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस की बैट्री ही खराब निकली जिससे उसमें लगे सारे मेडिकल इक्विपमेंट बंद पड़े थे। सिविल अस्पताल के डॉक्टरों की जांच में इस बात का खुलासा हुआ| आनन-फानन में एंबुलेंस को वीआईपी ड्यूटी से रिजेक्ट कर सिविल अस्पताल की एएलएस एंबुलेंस को भेज दिया गया।

आपको बता दें की उच्च तकनीकी से बनी एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस को सोमवार सुबह सीएम की फ्लीट के लिए जाना था। सीएमओ डॉ. जीएस वाजपेई के निर्देश पर एंबुलेंस नंबर यूपी 41 जी 3952 को भेजने की अनुमति मिली। वीआईपी ड्यूटी में जाने को तैयार सिविल अस्पताल केन डॉ. अनूप गुप्ता और डॉ. पीके सिंहानियां ने एंबुलेंस की जांच की तो पता चला कि उसमें लगे उपकरणों को संचालित करने वाली बैट्री डिस्चार्ज है। इससे एंबुलेंस में लगा मॉनीटर, इंफ्यूजन पंप, सक्शन मशीन काम नहीं कर रही थी, जबकि ऑक्सीजन लेवल सही न होने से वेंटिलेटर सपोर्ट सिस्टम भी दुरुस्त नहीं था। ऐसे में अगर मौके पर कोई दुर्घटना घटती तो किसी की ज़िन्दगी बचा पाना मुमकिन न होता|

आनन-फानन दोनों चिकित्सकों ने मामले की जानकारी अस्पताल के निदेशक डॉ. एचएस दानू और एमएस डॉ. आशुतोष दुबे को दी। अधिकारियों ने बिना देर किए अस्पताल की एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस को फ्लीट में भेज दिया।

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आशुतोष दुबे ने बताया कि जीवीके ईएमआरआई कंपनी ने जो एंबुलेंस फ्लीट के लिए भेजी थी, उसकी बैट्री डिस्चार्ज थी। डॉ. अनूप गुप्ता और डॉ. पीके सिंहानियां ने खामी पकड़ ली, जिसके बाद उसे वापस कर दिया गया।

अस्पताल की एएलएस एंबुलेंस को फ्लीट में ड्यूटी के लिए भेजा गया। वहीं, कंपनी के पीआरओ अजय यादव ने बताया कि एंबुलेंस में किसी तरह की कमी की कोई जानकारी नहीं मिली थी। एंबुलेंस सीएमओ स्तर से भेजी जाती है।

सिविल अस्पताल की जिस एंबुलेंस नंबर यूपी 81 एजी 0455 को सीएम की फ्लीट के लिए भेजा गया उसे सोमवार को सर्विसिंग के लिए जाना था। मिली जानकारी के मुताबिक़ यह एंबुलेंस भी काफी चल चुकी है। ऐसे में सर्विसिंग में जाने से ऐन पहले उसे ड्यूटी के लिए भेजा गया उससे भी खतरा था।

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि राजधानी में वीआईपी ड्यूटी में जा रही एंबुलेंस की ये हालत है तो जिलों में पहुंची एंबुलेंस का क्या हाल होगा, जहां उनकी निगरानी के लिए कोई है ही नहीं।

LIVE TV