आपकी बीमारियां भी बन सकती हैं सिरदर्द का कारण, जानें लक्षण और समाधान

आज की बिजी लाइफ में सिरदर्द की समस्या बेहद आम हो गई हैं। ऐसे लोग बेहद कम ही होंगे, जो सिरदर्द की समस्या को गंभीरता से लेते हो। अमूमन लोग खुद से दवाई का सेवन कर लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बार-बार एक ही जगह होने वाला सिरदर्द एक संकेत हैं कि आपको अन्य भी कुछ गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में-

सिरदर्द

सिरदर्द देता है संकेत

बार-बार होने वाला सिरदर्द कई तरह के संकेत देता है। अगर इस पर समय रहते गंभीरता से ध्यान दिया जाए तो मनुष्य अन्य कई गंभीर बीमारियों से आसानी से बच सकता है। विशेष तौर पर, सिर के एक हिस्से पर या विशेष भाग में सिरदर्द होने का कारण अन्य बीमारी भी हो सकती है और अगर उस बीमारी को पहचानकर उसका इलाज कर दिया जाए तो सिरदर्द की समस्या खुद-ब-खुद खत्म हो जाती है।

आंखों की समस्या

अगर किसी व्यक्ति को सीरियस हेडेक, सेंटल हेडेड या आंखों के ठीक उपर दर्द होता है या फिर किसी व्यक्ति को विजन में भी प्रॉब्लम होती है तो हो सकता है कि उस व्यक्ति को नेत्र संबंधी बीमारी जैसे ग्लूकोमा आदि हो। इसके अतिरिक्त जिन लोगों को चश्मा लगा होता है, उसका नंबर चेंज होने पर या आर्थराइटिस की समस्या होने पर भी व्यक्ति को सिरदर्द की शिकायत होती है।

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हो सकता है साइनसिस

अगर किसी को सिरदर्द के साथ-साथ माथे, आंख या गालों में दर्द का अनुभव हो तो यह साइनेसिस के कारण हो सकता है। इस तरह की समस्या होने पर सिरदर्द की शिकायत होना आम है। इसके अतिरिक्त कुछ इंफेक्शन भी कभी-कभी सिरदर्द की वजह बन जाते हैं।

महिलाएं रखें ध्यान

अक्सर महिलाओं को तेज सिरदर्द या अक्सर लेकिन नियमित क्रम में सिरदर्द की समस्या होती है, जिसे वह नजरअंदाज करती हैं। यह एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें सेरेब्रल नस में ब्लड क्लाट्स बनने शुरू हो जाते हैं। यह नस मुख्य रूप से दिमाग से रक्त को वापिस लाने का कार्य करती है। इस तरह के सिरदर्द को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर इसे जल्दी डायग्नोसिस नहीं किया जाता तो सिरदर्द के साथ-साथ दौरे आना, व्यक्ति का कोमा में जाना या फिर व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। वहीं पुरूषों की बात हो तो उन्हें भी कोरटिकल वीनस थ्रोम्बोसिस या सेरेब्रल वीनस थ्रोम्बोसिस हो सकता है, हालांकि उन्हें अपेक्षाकृत यह समस्या कम होती है। पुरूषों में सीवीटी अर्थात कोरटिकल वीनस थ्रोम्बोसिस का मुख्य कारण निर्जलीकरण व विभिन्न प्रकार के प्रोटीन की कमी होता है।

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कहीं लिबाईल हाइपरटेंशन तो नहीं

कुछ लोगों को भले ही ब्लड प्रेशर की शिकायत न हो लेकिन अगर फिर भी कभी-कभी अगर ब्लड प्रेशर एकदम से बहुत ज्यादा हो जाए तो व्यक्ति को तेज सिरदर्द का अनुभव होता है। इसे आमतौर पर, लिबाईल हाइपरटेंशन के नाम से जाना जाता है। इसलिए अगर व्यक्ति को बार-बार सिरदर्द हो तो बीच-बीच में व बारंबार ब्लड प्रेशर माॅनीटर करते रहना चाहिए और अगर ब्लड प्रेशर उच्च हो तो डाॅक्टर की सलाह पर दवाई का सेवन किया जा सकता है। लिबाईल हाइपरटेंशन की पहचान करना आसान नहीं होता क्योंकि इसमें एक बार ब्लड प्रेशर के बहुत अधिक बढ़ जाने के बाद वापिस लौट आता है। ऐसे में ब्लड प्रेशर की मॉनिटरिंग ही इसकी पहचान का एकमात्र तरीका है। आमतौर पर लिबाईल हाइपरटेंशन का मुख्य कारण तनाव व चिंता होता है और दवाईयों के अतिरिक्त, धूम्रपान छोड़कर, कैफीन, नमक व अल्कोहल का सेवन सीमित करके इससे बचा जा सकता है।

अगर हो मधुमेह

अगर किसी व्यक्ति को पहले से ही मधुमेह है और उसे लगातार सिरदर्द की समस्या व आई प्राॅब्लम हो रही है तो यह संकेत है कि उसके रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ गया है। इसलिए ऐसे व्यक्ति को हेडेक होने पर ब्लड शुगर की जांच अवश्य करवानी चाहिए।

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ब्रेन ट्यूमर का संकेत

आपको शायद पता न हो लेकिन बार-बार और तेजी से होने वाला सिरदर्द ब्रेन ट्यूमर का प्रमुख लक्षण है। सुबह-सुबह होने वाला सिरदर्द बे्रन ट्यूमर का संकेत देता है। दरअसल, इंटराक्रेनियनल प्रेशर ;आईआईसीपीद्ध के लगातार बढऩे से मस्तिष्क पर दबाव की मात्रा काफी बढ़ जाती है और इससे अत्यधिक तरल पैदा होता हैए मस्तिष्क में सूजन आती है या एक गांठ बन जाती हैए जो ब्रेन ट्यूमर का कारण हो सकता है। बे्रन ट्यूमर होने पर सिरदर्द के साथ चक्कर आना व आंखों के सामने धुंधला भी दिखाई देता है।

गिरने को न करें नजरअंदाज

डाॅ. बंसल के अनुसार, अगर कोई वृद्ध व्यक्ति कहीं गिर जाता है या चोटिल हो जाता है और उसे सिरदर्द होता है तो उसे गंभीरता से लिया जाना बेहद आवश्यक है। दरअसल, इस स्थिति में उसे सबड्यूरल हिमेटोमा नाम ब्रेन इंजरी होने की संभावना बढ़ जाती है। कभी-कभी ऐसा होता है कि व्यक्ति चोट लगने के बाद सीटी स्कैन कराता है और उसमें सबकुछ सामान्य आता है लेकिन कुछ दिन बाद सिरदर्द शुरू हो जाता है।ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चोट लगने के पश्चात मस्तिष्क में से ब्लड का रिसाव शुरू हो जाता है, जो धीरे-धीरे इकट्ठा होता है। सबड्यूरल हिमेटोमा में, रक्त मस्तिष्क के चारों ओर उतकों के परतों के बीच एकत्र होता है। यह स्थान खोपड़ी के नीचे और मस्तिष्क के बाहर होता है। जैसे ही रक्त जमा होता है, मस्तिष्क पर दबाव बढ़ने लगता है। जिससे व्यक्ति को सिरदर्द का अहसास होता है। इसलिए अगर चोट लगने के बाद सिरदर्द लगातार बना रहे तो एकबार सीटी स्कैन अवश्य करवा लेना चाहिए। इसे नजरअंदाज करने पर व्यक्ति को पैरालिसिस, दौरे पड़ने, बेहोशी या मनुष्य की मृत्यु भी हो सकती है।

 

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