धूम्रपान और शराब पीने वाले सिख अब नहीं डाल पाएंगे वोट

नई दिल्ली। अब दाढ़ी, बाल कटवाले वाले और ध्रूमपान या शराब का सेवन करने वाले लोग सिख के धार्मिक निकायों के चुनाव में वोट नहीं डाल सकेगें। एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार गुरुद्वारा (संशोधन) अधिनियम, 2016 ने चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के गुरुद्वारों के प्रशासन का विनियमन करने वाले 91 साल पुराने कानून के प्रावधानों को बदल दिया है। नए कानून को राष्ट्रपति ने गुरुवार को मंजूरी दी।

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गूगल साभार

सिख के धार्मिक नहीं डाल पाएंगे वोट

नया कानून यह स्पष्ट करता है कि दाढ़ी या केश कटवाने वाले, धूम्रपान करने वाले और शराब पीने वाले किसी भी व्यक्ति को मतदाता के रूप में पंजीकृत नहीं किया जाएगा। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस वर्ष 15 मार्च को सिख गुरुद्वारा (संशोधन) विधेयक राज्यसभा में पेश किया था। इसे अगले दिन वहां से पारित कर दिया गया। फिर लोकसभा ने इसे 25 अप्रैल को अपनी मंजूरी प्रदान की। अब राष्ट्रपति की मुहर लग जाने के बाद इस विधेयक ने कानून का रूप ले लिया है।

पंजाब में अगले वर्ष होने जा रहे विधान सभा चुनावों के मद्देनजर इस कानून का बेहद महत्व है। सिख समुदाय काफी दिनों से सहजधारी सिखों को एसजीपीसी चुनावों में मताधिकार से वंचित करने की मांग कर रहे थे। राष्ट्रपति मुखर्जी ने गुरुवार को सिख गुरुद्वारा (संशोधन) अधिनियम को अपनी मंजूरी प्रदान की।

 

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