एक सास ऐसी भी… बहू को दे दी अपनी किडनी

सास
बीते साल 2 जुलाई को नई दिल्ली में बिमला ने अपनी बहू कविता के लिए किडनी दान कर मिसाल पेश की थी

फिरोजाबाद। सास और बहू के रिश्‍ते में दरार की खबरें तो आप रोज पढ़तेे होंगे। आज इन रिश्‍ते की नई मिसाल देखिए। सुहागनगरी की जया देवी ने अपनी बहू को किडनी देकर समाज के लिए नजीर पेश की है। पीडि़त का अभी कानपुर में उपचार चल रहा है।

सास और बहू का अनोखा रिश्‍ता

मूल रूप से औरैया के निवासी रामविलास दौहरे मनरेगा विभाग में अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (एपीओ) के पद पर कार्यरत है। परिवार के साथ शिकोहाबाद में रहते हैं।

करीब एक वर्ष पहले उनकी पत्नी अमृतांजलि प्रभा को अचानक से पेट दर्द शुरू हुआ। पहले स्थानीय चिकित्सकों और फिर आगरा में उपचार कराया तो गालब्लेडर में पथरी की बात सामने आई। प्रभा की दोनों किडनी सिकुड़ रही थीं।

आगरा के प्रभा हास्पिटल में पत्नी की दो डायलिसिस की गई। लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ तो कानपुर के रेजेन्सी रीनल हेल्थ केयर सेंटर के डाक्टरों को दिखाया गया।

जांच में अमृतांजलि की दोनों किडनी खराब निकली। डाक्टरों ने इसे तत्काल ट्रांसप्लांट की सलाह दी। कई जांच के बाद रामविलास की मां जया देवी ने किडनी देने का फैसला किया।

अमृतांजलि को बचाने के लिए परिवार का हर सदस्य किडनी देने को तैयार थे। लेकिन अंत में अधिकारी की मां जया देवी ने बहू को किडनी देने का फैसला लिया।

पांच माह तक प्रशासन, हास्पिटल कमेटी के सामने परिवार के सभी सदस्यों सहित मां और उनके परिवार के सदस्यों के भी आधिकारिक बयान लिए गए। इसके बाद किडनी ट्रांसप्लांट की स्वीकृति मिली।

किडनी प्रत्यारोपण के नए नियम

1. मरीजों को अस्पताल के जरिए किडनी पाने के लिए आॅॅनलाइन पंजीकरण करवाना होगा।

2. किडनी एडवाइजरी कमेटी की अनुशंसा पर ही पंजीकरण हो सकेगा।

3. कमेटी की अनुशंसा और जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर मरीज को ‘एक्टिव’ और ‘प्रायॉरिटी’ नामक दो लिस्टों में से किसी एक में जगह दी जाएगी।

4. किडनी पाने वालों मरीजों को शहरों के हिसाब से वरीयता दी जाएगी।

5. यदि शहर में इस तरह के मरीज नहीं रहे तो फिर राज्यवार लिस्ट की समीक्षा की जाएगी।

6. सभी राज्यों में रिजनल आर्गन एण्ड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गनाइजेशन (आरओटीटीओ) से मिले मरीजों के आंकड़ों को राष्ट्रीय स्तर पर देखा जायेगा।

7. राष्ट्रीय स्तर पर मरीजों को चिन्हित करके किडनी प्रत्यारोपण में पारदर्शिता के साथ-साथ अवैध व्यापार को रोका जा सकता है।

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